Jamshedpur : सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में आठवां श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी महोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रमों का आयोजन संपन्न हुआ. आज चिन्तन-मनन के मुख्य वक्ता के रूप में सरायकेला खरसावां के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला तथा पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के उपायुक्त अनन्य मित्तल सम्मिलित हुए. इस सत्र के समन्वयक श्रीनाथ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सलाहकार कौशिक मिश्रा एवं जियाडा के उप निदेशक दिनेश रंजन थे. कौशिक मिश्रा ने रविशंकर शुक्ला से सवाल पूछा कि आप इतने वरिष्ठ पदाधिकारी हैं और आप हिंदी बोलने में काफी सहजता महसूस करते हैं परंतु ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोग हिंदी बोलने में हिचकते हैं आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे. इस प्रश्न का उत्तर देते हुए रविशंकर शुक्ला ने कहा कि हम लोग जब कार्यालय में बात करते हैं तो इस बात पर जरूर ध्यान देते हैं कि सामने खड़े व्यक्ति की शैक्षणिक पृष्ठभूमि क्या है? हमारे अधिकारी भी हिंदी बोलते हैं क्योंकि इससे आम आदमी उनसे सरलता से जुड़ पाता है. हमारा प्रयास उस भाषा में ही संप्रेषण करना होता है जिसमें आम आदमी से सही तरीके से संपर्क हो सके. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल से कौशिक मिश्रा ने पूछा कि आप पहले भी हमारे कार्यक्रम से जुड़ चुके हैं और आपने बच्चों के बीच हिंदी में ही अपना वक्तव्य दिया था.
जो भाषा आप जिस रूप में जानते हैं उसे उसी रूप में बोलना चाहिए। इसी प्रश्न का जवाब देते हुए रविशंकर शुक्ला ने कहा कि प्रशासनिक हिंदी में तत्सम के शब्द वैसे ही ले लिए गए हैं हम कोई अन्य भाषा यदि ले तो एक दुविधा की स्थिति उत्पन्न होगी. उर्दू फारसी को भी हम साथ लेकर चलते हैं यह हिंदी भाषा की ओर से एक स्वीकार्यता है हम जितना अधिक अलग-अलग भाषाओं को लेकर साथ चले तो कोई भी भाषा दीर्घायु बनती है. दिनेश रंजन ने अनन्य मित्तल से प्रश्न पूछा कि आज भारतीय प्रशासनिक सेवा में हिंदी माध्यम से कम बच्चे निकल हैं क्या यूपीएससी में हिंदी भाषी बच्चों के लिए संभावनाएं कम हो गई हैं ? इस पर श्री मित्तल ने कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हिंदी बच्चों को छाँट दिया जा रहा है. हमें देखना होगा कि उस वर्ष कितने प्रतिशत विद्यार्थी यूपीएससी में हिंदी माध्यम से सम्मिलित हुए थे हमें उस प्रतिशत की जांच करनी होगी. कौशिक मिश्रा ने अगला सवाल अनन्य मित्तल से पूछा कि किसी क्षेत्र में क्या बाई लिंगुअल नोटिस भी दिया जा सकता है इस पर श्री मित्तल ने कहा कि आमतौर पर हम हिंदी का ही प्रयोग करते हैं लेकिन हमारे स्थानीय अधिकारी स्थानीय भाषा में लोगों तक उस सूचना को पहुंचाने का प्रयास करते हैं. हम जब अपनी प्रशासनिक सूचना देते हैं तो स्थानीय अधिकारी स्थानीय भाषा मे लोगो को उसे बताने का प्रयास करते है. रविशंकर शुक्ला ने भी इस सवाल का जवाब दिया और कहा कि हिंदी भारत के किसी भी कोने में पढी और समझी जा सकती है. आप समझ सकते हैं कि एक ही विज्ञापन यदि हमें अलग-अलग भाषा में देना पड़े तो हमारे लिए यह कितना मुश्किल होगा.
आज दूसरे दिन महोत्सव में अतिथि के रूप में जेएनएफएफ के निदेशक, बॉलीवुड गायिका सपना अवस्थी, अभिनेता मुकेश एस भट्ट, निर्देशक मुदित चंद्र, संजय सतपति, कन्हैयालाल लाल, कोल्हान विश्वविद्यालय के दारा सिंह, कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्तीय पदाधिकारी आदि उपस्थित हुए. मुकेश भट्ट ने विद्यार्थियों को कहा कि मैं सपने देखता हूं और आपसे भी मैं कहना चाहूंगा कि आप भी सपने देखे और यदि आपके सपनों में दम होगा तो वह पूरा जरूर होंगे. बालीवुड के निदेशक मुदिता चंद्र ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपने करियर को जितना जल्दी हो सके आरंभ करें क्योंकि बढ़ती आयु के साथ चुनौतियां आपकी बढ़ती जाएगी. दूसरे दिन महोत्सव मे काजी नजरूल विश्वविद्यालय, एमएस के एम पी एम वोकेशनल कॉलेज, भगिनी निवेदिता विश्वविद्यालय, दीनबंधु एंड्रयूज कॉलेज, के एस कॉलेज सरायकेला, गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय, संबलपुर, ओडिशा, महिला कॉलेज चाईबासा , ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वीमेन, मॉडल कॉलेज खरसावां, करीम सिटी कॉलेज, जमशेदपुर इत्यादि के बच्चों ने हिस्सा लिया.