Result delay\ रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) के कार्यालय के बाहर 11वीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (मेंस) के अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारी युवाओं की मांग है कि आयोग पिछले एक वर्ष से तैयार परिणामों को अविलंब जारी करे। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग जानबूझकर परिणाम घोषित नहीं कर रहा, जिससे उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है।
इस आंदोलन का नेतृत्व झारखंड राज्य छात्र संघ (JSSA) कर रहा है। संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण शुक्ला ने आरोप लगाया कि आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति हो चुकी है, फिर भी परिणामों में देरी अभ्यर्थियों को मानसिक रूप से परेशान कर रही है। उन्होंने बताया कि फरवरी में आयोग के अध्यक्ष से हुई मुलाकात में शीघ्र परिणाम जारी करने का आश्वासन मिला था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
प्रदर्शनकारी “रिजल्ट जारी करो या फांसी दो” जैसे तीखे नारे लगाकर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं और अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए हैं। उनकी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि JPSC एक स्वायत्त निकाय है और सरकार उसकी प्रक्रिया में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकती। हालांकि उन्होंने अभ्यर्थियों की चिंता को जायज बताया और उम्मीद जताई कि आयोग जल्द उचित निर्णय लेगा।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आंदोलन को और उग्र रूप देंगे।
यह मामला अब न सिर्फ JPSC बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुका है, जिस पर समाधान की दिशा में शीघ्र पहल की आवश्यकता है।