Naxalism: 16वें वित्त आयोग की टीम 28 मई को चार दिवसीय दौरे पर झारखंड आ रही है। राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि इस दौरे के दौरान राज्य सरकार आयोग के समक्ष अपनी मांगों को प्रस्तुत करेगी। इनमें उग्रवाद नियंत्रण के लिए दी जाने वाली “सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर” (एसआरई) फंड की मांग भी शामिल है।
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड में उग्रवाद समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि नियंत्रित हुआ है। उन्होंने कहा कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में आर्थिक रूप से मजबूत करने की योजना चलानी होगी, रोजगार के अवसर बनाने होंगे और आवागमन की व्यवस्था पर काम करना होगा।
आयोग के समक्ष मांगें
वित्त मंत्री ने कहा कि आयोग के समक्ष राज्य सरकार चार बिंदुओं पर अपनी तैयारी की जानकारी देगी। इनमें कृषि, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन में राज्य की आवश्यकता और आउटपुट की विस्तृत जानकारी शामिल है।
एसआरई फंड की मांग
वित्त मंत्री ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित झारखंड को केंद्र सरकार से मिलने वाली बंद हो चुकी एसआरई और विशेष केंद्रीय सहायता की राशि मांग करेगी। उन्होंने कहा कि यह राशि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में योजनाएं चलाने के लिए आवश्यक है।
आगे की कार्रवाई
वित्त मंत्री ने कहा कि आयोग की टीम के आगमन से पूर्व राज्य सरकार तैयारी में जुटी है। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की है और प्राथमिकता के आधार पर अपनी मांगों को प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं।