Bhagalpur : बिहार में पुल बहने और ढहने का सिलसिला महीनों से जारी है. ताजा मामला भागलपुर से सामने आ रहा है. यहां खगड़िया-अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर 1717 करोड़ की लागत से बन रहे पुल का एक हिस्सा आज शनिवार की सुबह करीब आठ बजे लोहे के एंगल से बने सुपरस्ट्रक्चर ढहकर नदी में गिर गया. हालांकि इस घटना में किसी के हताहत की खबर नहीं है. लेकिन पुल के विभिन्न हिस्सों के बार-बार ढहने से पुल निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं. यह पहली बार नहीं है जब निर्माणाधीन पुल टूटा है. इससे पहले 4 जून 2023 को भी खगड़िया की तरफ पुल का खंभा नंबर 10 और 12 के बीच का सुपरस्ट्रक्चर गंगा नदी में गिर गया था. वहीं 30 जून 2022 को भी भागलपुर की तरफ का पुल का खंभा नंबर 5 और 6 के बीच का सुपरस्ट्रक्चर गंगा नदी में समा गया था.
जिन खंभों में खामियां है, उसे तोड़ा जा रहा – अमित कुमार पांडे
खगड़िया के जिलाधिकारी अमित कुमार पांडे ने कहा कि अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एक स्लैब सुबह करीब आठ बजे गिर गया. बताया कि पिछले साल इस पुल के चार-पांच खंभे ढह गये थे. बताया कि निर्माणाधीन पुल का पूरा ढांचा, जिसमें खामियां हैं, उसे ठेकेदार द्वारा तोड़ा जाना है. वहां निर्माण कार्य पहले ही रोक दिया गया है. ठेकेदार पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर ढांचे को तोड़ रहा है.
करीब नौ साल से चल रहा पूल का निर्माण कार्य
बता दें कि 3.16 किलोमीटर लंबे पुल की आधारशिला 23 फरवरी 2014 को रखी गयी थी. इस पुल का निर्माण कार्य 9 मार्च 2015 को शुरू हुआ था. करीब नौ सालों से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इस पुल का निर्माण एसके सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना के रूप में परिकल्पित इस पुल का उद्देश्य भागलपुर जिले के सुल्तानगंज को खगड़िया जिले के अगुआनी घाट से जोड़ना था. इस पुल के निर्माण होने से भागलपुर से झारखंड तक खगड़िया का रास्ता आसान हो सके. साथ ही विक्रमशिला पुल पर यातायात को सुचारू करना है. भीड़ को कम करने की भी उम्मीद थी।
18 जून से पुल गिरने का सिलसिला जारी
बिहार में आये दिन पुल गिरने की खबरें सामने आ रही हैं. यहां पुलों के गिरने का सिलसिला 18 जून से जारी है. बीते एक महीने में 15 से अधिक पुल गिर चुके हैं. इसके अलावा तेज बारिश में कई पुलिया भी बह गयी है. इतना ही नहीं सड़कें भी धंस जा रही है. पुल गिरने का सबसे पहला मामला 18 जून को अररिया से सामने आया था. यहां सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत से बना पुल गिर गया था. वहीं चार दिन बाद 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर बना पुल गिरा था. 23 जून को मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल भरभरा कर गिरा था. इसके बाद 27 जून को बिहार के किशनगंज में कनकई और महानंद नदी को जोड़ने वाली सहायक नदी पर बना 70 मीटर लंबा पुल का पिलर अचानक ढह गया था. 28 जून को मधुबनी में भी निर्माणाधीन पुल के गर्डर गिरने की खबर सामने आयी थी. वहीं एक जुलाई को किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड के पथरिया पंचायत स्थित खोशी डांगी गांव में बूंद नदी पर बना पुल का पिलर तेज बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब एक से डेढ़ फीट धंस गया था. इसके बाद भी सीवान, सारण, किशनगंज, मधुबनी, पूर्वी चंपारण समेत कई जिलों में पुल गिरने के मामले सामने आये हैं.