Kashmir Peace/श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो प्रमुख संगठन— जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) तथा डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (डीपीएम)— ने अलगाववाद से पूरी तरह दूरी बना ली है। इन संगठनों ने घोषणा की है कि वे अब भारत के साथ मिलकर काम करेंगे और विकास की मुख्यधारा में शामिल होंगे।अमित शाह ने इस कदम को “नए कश्मीर की दिशा में ऐतिहासिक फैसला” बताया और कहा कि अलगाववाद अब अतीत की बात हो गई है। उन्होंने अन्य समूहों से भी आग्रह किया कि वे इस पहल का अनुसरण करें और शांति व समृद्धि के लिए आगे आएं।
अलगाववाद से अलग, विकास की राह पर
हुर्रियत के इन संगठनों ने अपने बयान में कहा कि वे अब भारत सरकार के साथ मिलकर कश्मीर के विकास और स्थिरता के लिए काम करेंगे। इस निर्णय का जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्वागत किया और इसे क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में बड़ा कदम बताया।उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह फैसला जम्मू-कश्मीर में एक “नए युग की शुरुआत” करेगा और क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य अलगाववादी संगठन भी इसी रास्ते पर चलेंगे।इस कदम को केंद्र सरकार के प्रयासों की बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिससे कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा कमजोर होगी और जनता को मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिलेगा।