Vice President Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज न किए जाने पर सवाल उठाए हैं। यह मुद्दा कैश कांड से जुड़ा हुआ है, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कहना है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज न किए जाने से न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी आम नागरिक के खिलाफ ऐसे आरोप होते, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती। उपराष्ट्रपति ने न्यायपालिका की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि न्यायपालिका को भी कानून के दायरे में रहना चाहिए।
उनका कहना है कि न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना बहुत जरूरी है। अगर न्यायपालिका के किसी सदस्य के खिलाफ आरोप लगते हैं, तो उनकी जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे न्यायपालिका की विश्वसनीयता बनी रहेगी और लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास बना रहेगा।
उपराष्ट्रपति के इस बयान से न्यायपालिका और सरकार के बीच के रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है। न्यायपालिका और सरकार के बीच के रिश्ते हमेशा से ही संवेदनशील रहे हैं, और इस मुद्दे पर उपराष्ट्रपति के बयान से और भी तनाव पैदा हो सकता है।
यह मुद्दा अभी भी चर्चा में है, और आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। देखते हैं कि इस मुद्दे पर आगे क्या होता है और इसका न्यायपालिका और सरकार के बीच के रिश्तों पर क्या असर पड़ता है।