UPI Taxes: UPI ट्रांजैक्शन पर टैक्स की बात करें, तो इनकम टैक्स एक्ट के तहत ये ट्रांजैक्शन “इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज” के तहत आते हैं। इसका मतलब है कि अगर आप UPI के जरिए सामान या सेवाओं के लिए पेमेंट प्राप्त करते हैं, तो आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में इसकी जानकारी देनी होगी।
UPI ट्रांजैक्शन तकरीबन 50,000 रुपये तक टैक्स-फ्री होते हैं। इससे अधिक की राशि गैर-संबंधियों से प्राप्त होने पर टैक्स के दायरे में आती है। अगर कोई नियोक्ता आपको UPI या ई-वॉलेट के माध्यम से 5,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट वाउचर देता है, तो इस पर टैक्स लागू होता है।
ई-वॉलेट यूजर्स को कैशबैक मिलने पर भी टैक्स देना पड़ सकता है, अगर कैशबैक की राशि एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक हो। UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट 1 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन है, जबकि टैक्स पेमेंट और कुछ अन्य ट्रांजैक्शन के लिए यह लिमिट 5 लाख रुपये है।
UPI पेमेंट्स पर जीएसटी की दरें अलग-अलग होती हैं। माल की बिक्री पर जीएसटी की दर 5%-28% होती है, जो माल के प्रकार पर निर्भर करती है। सेवाओं का उपयोग करने पर जीएसटी की दर 18% होती है। डिजिटल पेमेंट सेवाओं पर भी जीएसटी की दर 18% होती है।
UPI ट्रांजैक्शन पर टैक्स की जानकारी आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट UPI ट्रांजैक्शन पर नजर रखता है, इसलिए सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी रखना जरूरी है।