BJP ने Bihar, MP और West Bengal में चुनाव प्रचार के लिए अपने Star प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। सभी राज्यों में BJP की सूची में 40-40 दिग्गज नेताओं के नाम हैं। MP की सूची में राजस्थान के सिर्फ सीएम भजनलाल शर्मा को जगह मिली है। जबकि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
Vasundhara Raje की पुरानी तस्वीर
Vasundhara Raje का Madhya Pradesh से पुराना नाता रहा है। उनकी मां और BJP की संस्थापक राजमाता विजयाराजे सिंधिया का एक समय मध्यप्रदेश में दबदबा था। आज भी सिंधिया Gwalior और गुना में काफी प्रभाव है। वसुंधरा राजे की बहन यशोधरा राजे भाजपा से सांसद और प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। राजे के भतीजे और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी गुना लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा वसुंधरा की मध्यप्रदेश में कई रिश्तेदारियां हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दतिया स्थित मां पीताम्बरा शक्ति पीठ में भी आस्था रखती हैं। वे हर साल नवरात्रि में हवन और पूजन के लिए आती हैं।
वसुंधरा राजे 1984 में भिंड-दतिया लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार राजा कृष्ण सिंह जूदेव के सामने भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी थीं। जूदेव को वसुंधरा के भाई माधवराव सिंधिया राजनीति में लेकर आए थे। उस समय माधवराव सिंधिया कांग्रेस में थे। उन्होंने उस समय अपनी बहन के विरोध में प्रचार किया था। जबकि जनता दल से पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह चुनाव लड़ रहे थे। इस तरह यह मुकाबला रोमांचक हो गया। इस त्रिकोणीय मुकाबले में सिंधिया राजघराने की बेटी वसुंधरा राजे को करारी हार का सामना करना पड़ा। पहले ही चुनाव में हार के बाद उन्होंने मध्यप्रदेश की राजनीति से तौबा कर ली थी। राजे की शादी राजस्थान के राजघराने में हुई थी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान में अपना राजनीतिक संघर्ष जारी रखा। पार्टी ने उन्हें राजस्थान से भी मौका दिया। राजस्थान में राजे न केवल वहां की कद्दावर नेता बनीं, बल्कि दो बार मुख्यमंत्री भी रहीं।
राजस्थान की पूर्व सीएम राजे इन दिनों राजनीति में बहुत ही कम सक्रिय हैं। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही वे पार्टी से जुड़े कार्यक्रमों में कम दिखाई दे रही हैं। हालांकि इसके पीछे की वजह अभी साफ नहीं है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजे सीएम नहीं बनाए जाने से हाईकमान से नाराज चल रही हैं। राजे की जगह इस बार भजनलाल शर्मा ने ले ली है। यही उनकी नाराजगी की वजह हो सकती है। हालांकि उन्होंने खुलकर कभी भी अपनी नाराजगी का इजहार नहीं किया है।
हाल ही में भाजपा ने राजे के बेटे और झालावाड़-बारां सीट से वर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह को फिर लोकसभा का टिकट दिया है। दुष्यंत सिंह यहां से सांसद हैं। दुष्यंत सिंह वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2004 में पहली बार सांसद चुने गए थे। पिछले 35 साल से इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। राजे वर्ष 1989 में इस सीट से पहली बार सांसद चुनी गईं। इसके बाद से लगातार पांच बार वे सांसद रहीं।