Ayushman Bharat: झारखंड में आयुष्मान भारत योजना को लेकर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। राज्य के कई निजी अस्पतालों ने योजना के अंतर्गत इलाज के बाद महीनों से लंबित भुगतान को लेकर नाराजगी जताई है। कई अस्पताल प्रबंधन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो वे इस योजना से बाहर हो जाएंगे।सूत्रों के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 150 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। कई अस्पतालों का कहना है कि मरीजों को मुफ्त इलाज देने के बाद उन्हें सरकार से कोई राशि नहीं मिली, जिससे अस्पतालों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है।
इससे न केवल अस्पतालों का संचालन प्रभावित हो रहा है, बल्कि गरीब मरीजों को भी इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।रांची स्थित एक प्रमुख निजी अस्पताल के निदेशक ने कहा:“हम आयुष्मान योजना के तहत अब और इलाज नहीं कर सकते। पिछले छह महीनों से भुगतान नहीं मिला है और लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।”इस मुद्दे को लेकर अस्पताल प्रबंधन संघ ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर लंबित भुगतान नहीं हुआ तो सामूहिक रूप से योजना से अलग होने का निर्णय लिया जाएगा।
कई अस्पतालों ने पहले ही आयुष्मान भारत कार्ड धारकों को नई भर्ती देना बंद कर दिया है।राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भुगतान प्रक्रिया केंद्रीय प्रणाली के माध्यम से होती है, और कुछ तकनीकी कारणों से देरी हो रही है। विभाग ने भरोसा दिलाया है कि सभी लंबित भुगतान जल्द जारी किए जाएंगे।यह स्थिति राज्य के गरीबों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है, जो पूरी तरह से आयुष्मान भारत योजना पर निर्भर हैं। यदि अस्पताल योजना से बाहर होते हैं, तो हजारों मरीजों को मुफ्त इलाज से वंचित होना पड़ेगा।