Madhya Pradesh, के पन्ना जिले को हीरों, झीलों व मंदिरों का जिला कहा जाता है। यहां सदियों पुराने कई मंदिर स्थित है। कुछ मंदिर आज भी अपनी समृद्ध विरासत की कहानी सुनाते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI को जिले के नचना कुठारा गांव में स्थित चौमुखनाथ मंदिर परिसर में टीलों की खुदाई में देश के सबसे प्राचीन मंदिर के अवशेष व शिवलिंग मिला है।बाद कहा जा रहा है कि यह मंदिर मठ से निर्मित किए गए होंगे, जो पहली से पांचवी सदी के बीच के हो सकते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम को यहां और भी प्राचीन मंदिर व प्रतिमाएं मिलने की संभावना जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पन्ना जिले के नचना कुठारा गांव में स्थित पांचवी सदी के प्राचीन मंदिर चौमुखनाथ मंदिर परिसर में 8 टीलों को चिन्हित किया था। इनमें प्राचीन मंदिर व प्रतिमाओं के मिलने की संभावना को देखते हुए चार मार्च से खुदाई का काम शुरू किया था। 15 दिन से दो टीलों की खुदाई हुई है। इसमे शिव मंदिर के अवशेष व एक शिवलिंग मिला है। पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों का दावा है कि यहां पार्वती मंदिर गुप्तकालीन है। 5वीं सदी से वह जस का तस खड़ा है। खुदाई में मिला शिवलिंग व मंदिर के अवशेष देश के सबसे प्राचीन यानि पहली से पांचवीं सदी के बीच के हो सकते हैं।
परिसर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित है
ASI विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी में खुदाई जारी है। किसी भी प्रकार से शासकीय संपत्ति को हानि न हो उसके लिए ASI सतर्कता बरत रहा है। औजारों से बारीकी से काम किया जा रहा है। खुदाई के दौरान चिह्नित टीलों में धागे का सर्किल बनाया गया है। यहां फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी प्रतिबंधित है। यह कार्य मुख्य रूप जबलपुर पुरातत्व वभाग की टीम काम कर रही है। नचना ग्राम पुरातत्व विभाग की दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम है। यहां का पार्वती मंदिर भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह करीब 1600 वर्ष पुराना पांचवीं सदी का मंदिर है। उसके बाद करीब 7वीं सदी का चौमुखनाथ मंदिर है, जहां भगवान शिव की चौमुखी प्रतिमा विराजित है।
पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि नचना ग्राम स्थित चौमुखनाथ मंदिर में ASI खुदाई करवा रहा है। ASI के अधिकारियों से मेरी चर्चा हुई है। दूसरी से पांचवी सदी के मंदिर व अवशेष मिलने की संभावना जताई गई है। किसी उद्देश्य में ASI द्वारा वहां खुदाई का कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने हमसे सहयोग मांगा था। इसे लेकर हमने गुनौर एसडीएम को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है। उम्मीद है कि ASI की टीम को वहां प्राचीन मंदिर या स्मारक मिलेंगे।