बॉम्बे हाईकोर्ट ने देश की सबसे शक्तिशाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि ईडी को कानून के दायरे में रह कर काम करना चाहिए. कानून के दायरे से बाहर जाकर लोगों को परेशान करना बंद करना चाहिए. बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस मिलिंद जाधन ने ईडी को यह निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित करें कि आम लोगों को बेवजह परेशान ना किया जाये. उन्होंने कहा कि ईडी जैसी एजेंसियों को कड़ा संदेश देना जरूरी है, इसलिए जुर्माना लगाने के लिए वह बाध्य हैं.
लोगों को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती
कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी को कानून के दायरे में ही काम करना चाहिए. बिना सोचे-समझे कानून के दायरे से बाहर जाकर आम लोगों को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अदालत ने पीएमएलए की विशेष अदालत द्वारा वर्ष 2014 को डेवलपर के खिलाफ जारी कार्रवाई को रद्द कर दिया. क्योंकि यह मामला डेवलपर और एक खरीदार के बीच समझौते के उल्लंघन से जुड़ा था. मलाड में दो मंजिले भवन के जीर्णोद्धार के लिए डेवलपर से समझौता हुआ था.
खरीदार ने चार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने की सहमति दी थी. खरीदार उस भवन की सोसाइटी का अध्यक्ष था. उसने अलग से भी पार्किंग व कमरे खरीदे थे. प्रोजेक्ट पूरा करने में हो रही देरी की वजह से खरीदार ने मलाड थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.