भारत की अधिकतम करेंसी कागज पर छपी हुई है. कागज हालांकि अच्छी क्वालिटी का होता है, मगर फिर भी है तो कागज ही. कई बार जाने-अनजाने में नोट फट भी जाते हैं. ऐसे में जिसके पास कटा-फटा नोट होता है, वह टेंशन में आ जाता है कि अब क्या किया जाए? यदि आपके पास भी कोई कटा-फटा नोट है तो टेंशन छोड़िए और बैंक में जाकर उसे बदलवा लीजिए. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने खराब हो चुके या कटे-फटे नोटों को बदलने की एक प्रक्रिया तय की हुई है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कटे-फटे नोट किसी भी बैंक से एक्सचेंज कराए जा सकते हैं. जरूरी नहीं कि उस बैंक में आपका होना ही चाहिए. आप अपने आसपास मौजूद किसी भी बैंक की ब्रांच में जाकर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं.
वैसे तो बैंक ने बदलने योग्य नोटों को चार अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है. परंतु, आज हम बात कर रहे हैं दो हिस्सों में बंट चुके नोटों के बारे में. जो नोट दो-फाड़ हो चुका हो, उसे विकृत (Mutilated) नोट कहा जाता है. विकृत नोटों की क्षेणी में वे नोट भी आते हैं, जिनका एक हिस्सा खो चुका हो. विकृत हो चुके नोटों पर जमा करने वाले शख्स को कितना पैसा वापस मिलेगा, यह निर्भर करता है विकृत नोट पर. आरबीआई ने इसके बारे में नियम बताए हैं.
50 रुपये से छोटा नोट हो तो
यदि आपका नोट 50 रुपये से छोटा है, अथवा 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये या फिर उससे भी कम है तो आपको एक कंडीशन पर फुल वैल्यू मिलेगी. दो या ज्यादा हिस्सों में बंटे नोट का सबसे बड़ा हिस्सा 50 प्रतिशत या उससे बड़ा होना चाहिए. ऐसे में आपको उस नोट की पूरी वैल्यू के बराबर पैसा बैंक की तरफ से दिया जाएगा. नोटों को मापने के लिए आरबीआई ने पूरे नियम कायदे बनाए हैं. उन्हीं के आधार पर तय किया जाता है कि नोट का सबसे बड़ा हिस्सा कितने प्रतिशत का है. यदि बड़ा हिस्सा 50 प्रतिशत से भी कम एरिया का है तो उस नोट का क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है.
50 रुपये से अधिक का नोट हो तो
50 रुपये या उससे बड़े नोट के 2 या ज्यादा हिस्सों में बंटे होने पर अलग नियम है. 2 हिस्सों में बंट चुके ऐसे नोट पर जमाकर्ता को पूरा पैसा मिलेगा, यदि उस नोट का सबसे बड़ा हिस्से का एरिया 80 प्रतिशत या उससे अधिक है. यदि विकृत नोट का एक हिस्सा 40 प्रतिशत से अधिक है और 80 प्रतिशत से कम है तो उस पर आधी वैल्यू मिलेगी. ऐसी ही 200 रुपये के बदले में आपको 100 रुपये ही मिलेंगे. यदि नोट का सबसे बड़ा हिस्सा 40 प्रतिशत से भी छोटा है तो बैंक एक्सचेंज करने से इनकार कर सकता है.