यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलनी शुरू हुई तो भगदड़ मच गया। कार्यक्रम में शामिल होने आए 124 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई है। हाथरस के सिकंदराराऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वहां से अलीगढ़ आकर सीएम अफसरों के साथ बैठक करेंगे। फिर पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। हाथरस में नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के दौरान मची भगदड़ से हताहत होने वालों में ललितपुर के तालबेहट क्षेत्र निवासी दो महिलाएं शामिल हैं। इनमें एक महिला की मौत हुई। जबकि एक अन्य महिला घायल हुई। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की दोपहर महिला के शव को उसके गांव लाया गया।
![Hathras Stamped: Supreme Court के सेवानिवृत्त जजों की निगरानी में हादसे की जांच कराने की मांग 15](https://thesocialbharat.com/wp-content/uploads/2024/07/Hathras-Stamped-1024x576.jpg)
कोतवाली तालबेहट अंतर्गत ग्राम पंचशील नगर निवासी सुखवती राजपूत (65) पत्नी लाल सिंह राजपूत हाथरस में बाबा के समागम में शामिल होने के लिए छायादेवी (54) पत्नी रामसहाय शामिल होने के लिए गई थी। मंगलवार को सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। जिसमें सुखवती और छायादेवी भी भीड़ के पैरों तले दब गई थी। जिससे सुखवती की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि छाया देवी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर जैसे ही सुखवती की हाथरस के सत्संग में मौत होने की सूचना परिजनों को हुई वह हाथरस पहुंच गए थे। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद सुखवती के शव को उसके गांव लाया गया। यहां उपजिलाधिकारी तालबेहट श्रीराम यादव सहित अन्य अधिकारी मृतका के घर पंचशील नगर पहुंच गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका जिसमें हाथरस भगदड़ घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें सार्वजनिक समारोहों में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय सुझाने और तैयार करने के लिए समिति को निर्देश देने की मांग की गई है। एक वकील द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य को हाथरस भगदड़ की घटना में शीर्ष अदालत के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने और उनके लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।