Safety Training: जमशेदपुर के धातकीडीह स्थित एक्सेल टेक्निकल इंस्टिट्यूट में आठ दिवसीय ‘सेफ्टी फास्ट एड एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एमरजेंसी प्रिपेयरेडनेस ट्रेनिंग’ का सफल आयोजन हुआ। यह प्रशिक्षण पीएसएफ टीम द्वारा संचालित किया गया, जो हर माह देश के विभिन्न कोनों से आने वाले विद्यार्थियों को जीवन रक्षा संबंधी आधुनिक तकनीकों से अवगत कराता है।
प्रशिक्षण में मानव शरीर की संरचना, सीपीआर, स्ट्रेचर ड्रिल, फायर सेफ्टी, सांप-कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मौखिक और प्रायोगिक रूप में दी गईं।प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रशिक्षक अरिजीत सरकार द्वारा लाइव डेमो के ज़रिए बताया गया कि कैसे ‘गोल्डन आवर’ में प्राथमिक उपचार देकर किसी घायल की जान बचाई जा सकती है।
छात्र उनकी शिक्षण शैली से बेहद प्रभावित दिखे। प्रशिक्षण के दौरान एंबुलेंस लोडिंग, बैंडेजिंग, फायर मैन लिफ्टिंग, और रेस्क्यू ट्रिक्स जैसे अभ्यास भी कराए गए। संस्थान के डायरेक्टर मोहम्मद राशिद आलम ने बताया कि इस कोर्स से जुड़ने वाले 100% छात्रों को प्लेसमेंट की सुविधा दी जाती है, जो इसे और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
आलोचनात्मक विश्लेषण:आज के समय में जब दुर्घटनाएं, आपदाएं और स्वास्थ्य आपात स्थितियां आम होती जा रही हैं, ऐसे व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। एक्सेल टेक्निकल इंस्टिट्यूट न केवल रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि युवाओं को सामाजिक और मानवीय जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक कर रहा है। अरिजीत सरकार जैसे समर्पित प्रशिक्षकों की उपस्थिति से यह कार्यक्रम और अधिक प्रभावशाली बन जाता है।हालांकि, सवाल यह भी है कि ऐसे प्रशिक्षण केवल चुनिंदा संस्थानों तक ही क्यों सीमित हैं? सरकार और निजी संस्थानों को ऐसे कोर्स को जन-जन तक पहुँचाने के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए। यदि देश के हर जिले में इस तरह की प्रशिक्षण व्यवस्था हो, तो आपदा के समय राहत और बचाव कार्य कहीं अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं।
निष्कर्ष:सेफ्टी और डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे विषय अब केवल पेशेवर आवश्यकता नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व बन चुके हैं। एक्सेल इंस्टिट्यूट का यह प्रशिक्षण मॉडल देश के अन्य संस्थानों के लिए एक प्रेरणा है। यह केवल ज्ञान नहीं, जीवन रक्षा का मंत्र है—जो प्रत्येक नागरिक को जानना और अपनाना चाहिए।