Ranchi: रांची विधायक सीपी सिंह ने पलामू बालिका गृह की घटना पर सीएम से सुपरिटेंडेंट और महिला काउंसलर के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही सीडब्ल्यूसी और बाल संरक्षण तंत्र के सभी दोषी अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए कर, उन्हें तुरंत निलंबित करने, राज्य के सभी बाल संरक्षण गृहों की स्वतंत्र और उच्चस्तरीय जांच कराने के साथ बच्चियों को समुचित चिकित्सा, काउंसलिंग, और पुनर्वास की सुविधाएं देने की भी मांग की है.
पलामू बालिका गृह की घटना शर्मनाक है
सीपी सिंह ने कहा है कि पलामू बालिका गृह में घटी घटनाओं ने झारखंड के हर नागरिक को झकझोर कर रख दिया है. यह शर्मनाक और अमानवीय कृत्य राज्य की बाल संरक्षण तंत्र पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है. जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सुपरिटेंडेंट ने महिला काउंसलर की मदद से बच्चियों के साथ पिछले तीन वर्षों से लगातार शारीरिक और मानसिक शोषण किया. इस पूरे मामले में सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी गंभीर लापरवाही और मिलीभगत को दर्शाती है. यह केवल एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है.
राज्य में बाल सुरक्षा और निगरानी तंत्र बुरी तरह से विफल
पलामू की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में बाल सुरक्षा और निगरानी तंत्र कितनी बुरी तरह से विफल है. मुख्यमंत्री से कहा है कि यह आपकी जिम्मेदारी है कि इस मामले में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई हो. दोषियों को कठोर से कठोर सजा मिले और पीड़ित बच्चियों को न्याय के साथ-साथ भविष्य के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्राप्त हो. आशा है कि आप इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाएंगे.