Rafale Fighter Jet: राफेल फाइटर जेट की अपने उच्चतम प्रदर्शन और युद्ध में साबित किए गए कौशल के कारण लड़ाकू विमानों के बाजार में एक अलग पहचान है। यह विमान अपने एडवांस रडार सिस्टम, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और मल्टी-रोल क्षमता के साथ अपनी ताकत को साबित कर चुका है। हालांकि, अब राफेल के बाजार में एक नई चुनौती आने वाली है। फ्रांस का लालच इस जेट के भविष्य को खतरे में डाल सकता है, और ऐसे में राफेल की जगह अब दक्षिण कोरिया का KF-21 और भारत का तेजस Mkll जैसे नए फाइटर जेट्स ने लेनी शुरू कर दी है।
इन विमानों को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि ये राफेल जितने ही शक्तिशाली हैं और इनके साथ-साथ इनकी कीमत राफेल से काफी कम है। फ्रांस के राफेल फाइटर जेट की प्रमुख खासियतों में इसकी एडवांस तकनीक और कई युद्ध अभियानों में उपयोगिता शामिल है। भारत, कतर और मिस्र जैसे देशों ने इस जेट को खरीदा है, लेकिन इसके उच्च मूल्य और रखरखाव के खर्च ने कई देशों के लिए यह खरीददारी एक सिरदर्द बना दी है। 2016 में भारत ने 36 राफेल जेट के लिए 8.7 अरब डॉलर का सौदा किया था।
इस सौदे के बावजूद, राफेल के रखरखाव, अपग्रेडेशन और स्वदेशी हथियारों के एकीकरण के लिए भारी खर्चों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, इन उच्च लागतों को लेकर कई देश राफेल से दूरी बना रहे हैं और अन्य किफायती विकल्पों की तलाश में हैं। दक्षिण कोरिया का KF-21 बोरामे एक एडवांस 4.5-पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे खास तौर पर राफेल और टाइफून जैसे विमानों को टक्कर देने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस विमान में AESA रडार, आधुनिक एवियोनिक्स और हथियारों की एक लंबी श्रृंखला का समावेश है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि KF-21 का एक यूनिट राफेल से आधे दाम में उपलब्ध हो सकता है। जबकि राफेल की कीमत करीब 120 मिलियन डॉलर है, KF-21 की कीमत लगभग 65 मिलियन डॉलर है, जो इसे उन देशों के लिए आकर्षक बनाता है जो अपने रक्षा खर्चों को नियंत्रित रखना चाहते हैं।