Purvashada Nakshatra : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र राशि चक्र का 20वां नक्षत्र है और इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति (गुरु) होता है। इस नक्षत्र में जन्मे पुरुष आमतौर पर अत्यंत विनम्र, शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन उनके भीतर गहराई से अंतरज्ञान की शक्ति होती है। वे इस शक्ति का प्रयोग अक्सर दूसरों के हित के लिए करते हैं।
पेशेवर जीवन में ये जातक काफी सफल माने जाते हैं। वे जिस भी क्षेत्र में कदम रखते हैं, वहां तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है। हालांकि, जीवन में कई बार मानसिक अशांति या पारिवारिक उलझनों का सामना इन्हें करना पड़ता है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र दोहरी प्रकृति को दर्शाता है—एक ओर व्यक्ति अत्यंत संस्कारी, सभ्य और शांत होता है, वहीं विपरीत परिस्थिति में यह व्यक्तित्व आक्रामक और विनाशकारी भी हो सकता है।
इस नक्षत्र के पुरुषों को खास तौर पर दांत, पेट से जुड़ी समस्याएं और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है।