केपीएस कदमा ने 28 अक्टूबर 2024 को मिशन उड़ान का आयोजन किया, जिसमें इसरो के वैज्ञानिकों ने छात्रों को रोबोटिक्स, एआई, रॉकेट साइंस और स्टीम पर आधारित सैटेलाइट इंजीनियरिंग सहित आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए प्रेरित करने की पहल की। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीहरिकोटा से उपग्रह प्रक्षेपण के एक आकर्षक वीडियो के साथ हुई, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति को दिखाया गया।
अंतरिक्ष विज्ञान के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के साथ एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र ने छात्रों को सीधे जुड़ने और सवाल पूछने का मौका दिया, जिससे खगोल विज्ञान में जिज्ञासा बढ़ी। छात्रों ने उपग्रहों के पेपर मॉडल बनाने के लिए एक व्यावहारिक गतिविधि में भाग लिया, जिससे उपग्रह इंजीनियरिंग के बारे में उनकी समझ मजबूत हुई और टीमवर्क को बढ़ावा मिला।
एक आकर्षक ड्रोन शो ने मनोरंजन को बढ़ाया, जबकि जर्मन भाषा के संक्षिप्त परिचय ने वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला, जिससे छात्रों को अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में बहुभाषिकता को महत्व देने की प्रेरणा मिली।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक श्री प्रकाश डे ने भारत के चंद्रयान 1 और मंगलयान मिशन से जुड़ी जानकारियाँ साझा कीं, जिससे छात्रों को बड़े सपने देखने और अंतरिक्ष अन्वेषण में योगदान देने की प्रेरणा मिली। दिन का समापन सितारों को देखने के सत्र के साथ हुआ, जिससे छात्र ब्रह्मांड के प्रति विस्मय में डूब गए और अंतरिक्ष के बारे में उनकी जिज्ञासा जागृत हुई। कुल मिलाकर, मिशन उड़ान एक शानदार सफलता थी, जिसने युवा शिक्षार्थियों में विज्ञान और खोज के प्रति उत्साह को बढ़ावा दिया।
