कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले पर लगातार विवाद गहराता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र सड़क पर उतरकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इस मामले में हर दिन नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब मृतका की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने परिवार पर दबाव बनाए रखा था और नौ अगस्त, जिस दिन उनकी बेटी का शव मिला था, उस दिन उन्हें परेशान किया गया।
मुख्य अपराधी कोई और: मृतका की मां
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मृतका की मां ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बताया था कि दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय मुख्य आरोपी नहीं है। इस अपराध में कोई और भी शामिल है।
बहुत परेशानियां झेलनी पड़ीं
महिला ने आगे कहा, ‘जबतक बेटी का शव नहीं मिला, तब तक हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने हम पर दबाव बनाए रखा। पुलिस ने मेरी बेटी की कार को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। मैंने कहा कि मेरी बेटी का निधन हो गया है, कृपया उसकी कार को नुकसान न पहुंचाएं।’
मुख्यमंत्री से कही थी ये बात
अपनी बेटी के लिए न्याय मांग रही मां ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने मुझे बताया कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मैंने उनसे कहा कि मैं उस व्यक्ति को मुख्य आरोपी नहीं मानती हूं। अगर इसमें अंदर से कोई शामिल नहीं था तो उसे (रॉय को) कैसे पता चल सकता था कि मेरी बेटी अकेली है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस मामले में अंदर से कोई निश्चित रूप से शामिल था। इस पर मुख्यमंत्री ने अपने साथ आए पुलिस अधिकारी की ओर देखा और कहा कि यह मेरा भी सवाल है।’ बता दें, मुख्यमंत्री ने सोमवार को परिवार से मुलाकात की थी।
भटकाने की कोशिश की
पीड़िता की मां ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को भटकाने की कोशिश की थी। जब्ती सूची तैयार किए जाने के दौरान उन्हें दवाएं और नुस्खे दिखाए और बताया कि उनकी बेटी बीमार थी। महिला ने आगे कहा, ‘जब जब्ती सूची तैयार की जा रही थी तब मैं मौजूद थी। पुलिस ने मेरी बेटी के बैग से कुछ रिपोर्ट निकालीं। वे मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा कि आपकी बेटी बीमार थी। उसके पास से बहुत सारी दवाएं और रिपोर्ट मिली हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस को बताया कि उसे किसी ने काट लिया था, जिसके निशान के कारण मेरी बेटी दवाई ले रही थी। इसके बाद वे मामले को नहीं भटका सके।’
इतने घंटे तक बिठाए रखा
समाचार चैनल के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें नौ अगस्त को अस्पताल से सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर पहला फोन आया। उन्होंने बताया कि वे दोपहर साढ़े 12 बजे अस्पताल पहुंचे और उन्हें दोपहर तीन बजे अपनी बेटी का शव देखने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरे समय चेस्ट मेडिसिन विभाग में बैठाया गया था।