All Eyes on Rafah: सोशल मीडिया में हर तरफ ‘All Eyes on Rafah’ स्लोगन नजर आ रहा है. यूजर्स इसकी स्टोरी लगा रहे हैं. भारत में हर फील्ड के लोग इस कैंपेन से जुड़ रहे हैं. आइए जानते हैं इस कैंपेन को क्यों शुरू किया गया और इसका मकसद क्या है.
गाजा में इजराइली सेना के ऑपरेशन के आक्रामक होने के बाद से ही आपने देखा होगा कि इंस्टाग्राम, एक्स, फेसबुक और दूसरी सोशल मीडिया साइट पर लोग ‘All Eyes on Rafah’ लिखी हुई स्टोरी लगा रहे हैं और फोटो के कैप्शन में इसी हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे हैं. राफा में शराणार्थी शिविर पर हुए हमले के बाद भारत समेत दुनियाभर में नामचीन लोग इससे जुड़ी स्टोरी लगा रहे हैं. बॉलीवुड, हॉलीवुड और खेल जगत से लेकर कई बड़ी हस्तियों ने इस स्टोरी को शेयर किया है.
All Eyes on Rafah’ नाम से चल रहा ये कैंपेन अधिकतर यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों में युद्ध को लेकर अवेयरनेस फैलाने के लिए एक्टिविस्ट्स और मानव संगठनों द्वारा चलाया जा रहा है जिसे आम लोगों को समर्थन मिल रहा है.
All Eyes on Rafah का मतलब क्या है?
इस स्लोगन का मतलब दुनियाभर के लोगों से ये अपील करना है कि वे फिलिस्तीन में हो रही घटनाओं से मुंह न मोड़ें. भयंकर लड़ाई से डरकर भागे करीब 14 लाख गाजावासी फिलहाल राफा में शरण लिए हुए हैं और इस बड़ी आबादी के बावजूद इजराइल वहां हमले कर रहा है. इस स्लोगन का इस्तेमाल पिछले कई दिनों से फिलिस्तीन समर्थित प्रदर्शनों में देखने को मिल रहा है. लेकिन राफा में ताज़ा इजराइली हवाई हमलों में 40 फिलिस्तीनियों की मौत और दर्जनों लोगों के घायल होने के बाद ‘All eyes on Rafah’ स्लोगन सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है.
इस स्लोगन का सबसे पहले इस्तेमाल फरवरी में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के डायरेक्टर रिक पीपरकोर्न ने किया था. उनकी ये टिप्पणी इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा शहर को खाली कराने की योजना के ऐलान के बाद आई थी. उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा था कि गाजा में जो कुछ हो रहा है उस पर नजर रखी जाए.