Jharkhand Assembly/रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के शून्यकाल में जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लंबित पड़े ग्रामीण सड़कों के निर्माण का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र में पाँच ग्रामीण सड़कों का शिलान्यास किया गया था।
इन सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया था, लेकिन बीच में ही इसे रोकना पड़ा। कारण यह था कि इन सड़कों के कुछ हिस्से वन भूमि से होकर गुजरते हैं, और वन विभाग ने अब तक इन सड़कों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी नहीं किया है। इस वजह से इन सड़कों का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है और स्थानीय ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विधायक मंगल कालिंदी ने सदन को बताया कि जिन सड़कों का निर्माण कार्य रुका हुआ है, वे सभी क्षेत्र के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये सड़कें बेको से आमदा पहाड़ी, आमदा पहाड़ी से बारूबेड़ा, बारूबेड़ा से चिलकी झरना, चिलकी झरना से थरकाडाहा और चिलकी झरना से मेगादाहा-राजाबासा तक बनाई जानी थीं। इन सभी सड़कों की आधारशिला वर्ष 2021-22 में रखी गई थी, लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। विधायक ने कहा कि अगर समय रहते इन सड़कों का निर्माण पूरा नहीं किया गया, तो स्थानीय लोगों की परेशानियाँ और बढ़ जाएँगी।
ग्रामीणों को हो रही समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए विधायक मंगल कालिंदी ने कहा कि खराब सड़कों की वजह से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है, जब सड़कों पर कीचड़ भर जाता है और वाहनों का आवागमन लगभग असंभव हो जाता है। खासकर बीमार और बुजुर्ग लोगों को अस्पताल पहुँचाने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बच्चों को स्कूल जाने में समस्या होती है, किसान अपनी उपज बाजार तक नहीं पहुँचा पाते, और दैनिक जरूरतों के लिए भी लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
इन परिस्थितियों में सड़क निर्माण का अधूरा रहना जनहित के खिलाफ है।विधायक ने सदन के माध्यम से सरकार से माँग की कि इन सभी सड़कों के लिए वन विभाग को जल्द से जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और अविलंब आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
मंगल कालिंदी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस मामले में जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो वे जनता के साथ मिलकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।इससे पहले भी विधायक मंगल कालिंदी इस मुद्दे को कई बार प्रशासन और सरकार के समक्ष रख चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। उन्होंने सदन में कहा कि ग्रामीण विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होना चाहिए, और यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह राज्य के विकास में बाधा बनेगा।
उन्होंने सरकार से माँग की कि इस विषय पर शीघ्र निर्णय लिया जाए और रुके हुए सड़क निर्माण कार्य को फिर से शुरू किया जाए।झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण को लेकर पहले भी कई अड़चनों का सामना करना पड़ा है। यह मामला भी उसी की एक कड़ी है, जहाँ प्रशासनिक अनुमति में देरी के कारण विकास कार्य ठप पड़ा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी तेजी से कार्यवाही करती है और ग्रामीणों को इस समस्या से कब तक राहत मिलती है।