Jamshedpur/bagbera bhagvat katha: अनुग्रह नारायण सिंह शिक्षण एवं सेवा संस्थान तथा बागबेड़ा महिला इकाई द्वारा पुरुषोत्तम मास में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन में लता दीदी ने भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में वर्णन किया। भगवान शिव एक लोटा जल से प्रसन्न हो जाते हैं देवों के देव महादेव है। आज प्रसंग में सती मैया के प्रसंग को दर्शाया गया। अगस्त मुनि के यहां राम कथा का श्रवण मानकर सती मैया और भोले बाबा को रास्ते में दंडक वन में भगवान श्री राम भैया लक्ष्मण मां सीता की खोज कर रहे थे। रो रो कर सीता मां के बारे में पशु पक्षियों पेड़ पौधों से पूछ रहे थे, की किसी ने मां सीता को देखा है। यह देखकर सती मैया के मन में संदेह उत्पन्न हुआ कि अगर ईश्वर है तो इस तरह रो क्यों रहे हैं ढूंढ क्यों रहे हैं। माता सीता का रूप धारण करके परीक्षा लेती हैं। भगवान शिव मन ही मन सोचते हैं अब यह हमसे दूर हो जाएगी। पति पर शक किया। जिसके वजह से मां सती को अपने पिता के घर में यज्ञ में अपने पति शिव का स्थान ना देखकर क्रोधित होकर अपने प्राणों की आहुति दे दी। उसके बाद हिमालय की पुत्री के घर में पार्वती बनाकर जन्म ले। भगवान शिव को पति रूप में । पानी के लिए घोर तपस्या की, वर्ष में खुले आकाश में गर्मी में तपती हुई धरती और खुले आकाश में वर्ष में खुले आकाश में रहकर सिर्फ बेलपत्र के 2 पत्ते खाकर पार्वती माता ने घोर तप करके भगवान शंकर को प्राप्त किया। आज प्रभु राम का जन्म उत्सव भी हुआ। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। भागवत कथा का मुख्य यजमान पुष्पा सिंह और सीमा सिंह रहीं।
आज हिंदुत्व के रक्षक जनार्दन पांडे, भोला यादव, कल्याणी शरण, डॉ अनिता शर्मा, अरविंद सिंह, रंजय रॉय, अजीत कुमार सहित हजारों महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान किया।
कविता परमार के साथ साथ अखिलेश सिंह, सी एसपी सिंह की देख देख में पूजा और भागवत कथा संपन्न हुआ।
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