Jamshedpur/bagbera bhagvat katha: बागबेडा कॉलोनी अनुग्रह नारायण सिंह शिक्षण एवं सेवा संस्थान में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में कथा वाचक लता दीदी द्वारा आज पितरों के बारे में चर्चा की गई साथ ही है जीव जब मरता है तो कौन से शरीर को कष्ट भोगना पड़ता है आत्मा अमर है वह चोला बदलता है हमारे शरीर में एक सूक्ष्म शरीर है उसे ही नरक को की. यातनाएं सहनी. यम का मार्ग वेदर ने नदी पड़ती है. अपने कर्मों के हिसाब से…l
वैतरणी नदी को छोड़कर 86000 योजन का है.. जिओ को यमदूतों के साथ प्रतिदिन 247 योजन चलकर. यमलोक पहुंचता है.l. . जो जीव अच्छे कर्म करते हैं उसको लेने के लिए पार्षद आते हैं और वह गोविंदा के . गोधाम पहुंचता हैl दान की बहुत महिमा बताई गई हैl राजा परीक्षित को श्रृंगी ऋषि का श्राप लगा समिक मुनि के गले में मृत सांप डालने की वजह सेl. .. भगवान के 21 अवतारों की कथा का भक्तों ने श्रवण पान किया।
बुरा से बुरा दुष्कर्मी भी श्रीमद् भागवत कथा का सेवन करने से उसे मुक्ति मिल जाती है जैसे धुंधकारी। धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली।

आज भागवत कथा का मुख्य यजमान अंजू सिंह और सुशीला देवी रहीं। आज पूर्व डी आई जी कोल्हन श्री राजीव रंजन सिंह, भोला झा, शंभू सिंह, पूर्व कमिश्नर कोल्हान विजय सिंह, राम नाथ दूबे, अखिलेश सिंह अविनाश सिंह राजा, कन्हैया सिंह, संजय झा, सतीश कुमार सहित हजारों महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान किया।
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