Jamshedpur : सोनारी निवासी ज्योति अग्रवाल की हत्या उसके कारोबारी पति रवि अग्रवाल ने 16 लाख सुपारी देकर कराई है। पुलिस ने मामले की गुत्थी सुलझाने का दावा कर रवि अग्रवाल के साथ घटना में शामिल 3 शूटरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कांड का मुख्य सूत्रधार अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
सीतारामडेरा में कारोबार करने वाले रवि अग्रवाल के खिलाफ उनके ससुर प्रेमचन्द अग्रवाल ने बेटी की हत्या का केस दर्ज कराया था, जिसके आधार पर पुलिस ने रवि को रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल में कुछ लोगों से लगातार बातचीत होने के आधार पर जब पूछताछ की गई तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। सूत्र बताते हैं कि रवि ने सूत्रधार का नाम भी बताया, जिसके घर पर दबिश दी गई। छापेमारी में वह फरार मिला। उसके बाद मोबाइल नम्बर और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने सीतारामडेरा इलाके में ही छापेमारी कर तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने ज्योति अग्रवाल हत्या की बात स्वीकारी। पुलिस ने तीनों को रवि के सामने पेश किया गया तो उसने पूरी कहानी सामने आ गई। रवि ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 2009 में हुई थी। शादी के बाद से ही वह पत्नी से परेशान था। दो साल से वह ज्यादा परेशान रहने लगा था। पत्नी उसके साथ मारपीट करती थी, इसीलिए, उसकी हत्या की साजिश रची। उसे मारने के लिए वह पहले गंगटोक ले गया, जहां असफल रहा। इसके बाद दो महीने पहले जनवरी में आठ लाख में हत्या का सौदा किया, जिसमें उसके बाकी साजिश रची। उसे पैसे डूब गए। सौदे के अनुसार, पत्नी को बिष्टुपुर के एक होटल में मारना था। पर असफल रहा इसके बाद बिना मारे शूटरों के पैसे लेकर भाग गए।
पुलिस ने जमशेदपुर के कारोबारी रवि अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल हत्याकांड मामले का 72 घंटे के भीतर उद्भेदन करते हुए ज्योति के पति रवि अग्रवाल सहित तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चौंकाने वाला खुलासा कर सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि बीते शुक्रवार को चांडिल थाना अंतर्गत कांदरबेड़ा एवं वेव इंटरनेशनल होटल के बीच एनएच- 33 के किनारे जमशेदपुर के कारोबारी रवि अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल की अपराधियों ने उस वक्त हत्या कर दी थी जब साजिश के तहत रवि अग्रवाल अपने दोनों बच्चों एवं पत्नी के साथ पंजाब होटल में खाना खाकर वापस लौट रहे थे. पुलिस की गिरफ्त में आए तीन अन्य अपराध कर्मियों में पंकज कुमार साहनी, रोहित कुमार दुबे और मुकेश मिश्रा है. पुलिस ने इनके पास से एक लोडेड देशी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, रवि अग्रवाल के पास से दो एंड्रॉयड स्मार्टफोन, रोहित कुमार दुबे के पास से एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन मुकेश मिश्रा के पास से एक स्विफ्ट कार और दो एंड्रॉयड स्मार्टफोन और पंकज साहनी के पास से एक एंड्रॉयड फोन बरामद किया है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए एसपी मनीष टोप्पो ने बताया कि मृतिका ज्योति अग्रवाल के पिता प्रेमचंद अग्रवाल ने लिखित आवेदन दिया था. जिसमें उन्होंने अपने दामाद यानी मृतका के पति रवि अग्रवाल के विरुद्ध षड्यंत्र के तहत उनकी बेटी की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया था. इसके बाद चांडिल एसडीपीओ के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया था. टीम ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर अनुसंधान के क्रम में पाया कि मृतका के पति के साथ शादी के बाद से ही अनबन चल रहा था. आए दिन दोनों के बीच लड़ाई- झगड़ा होता था. जिससे वह अपने पत्नी को सहन नहीं कर पा रहे थे. जिसके बाद रवि अग्रवाल ने 16 लाख में मुकेश मिश्रा तथा उनके चार अन्य साथी को सुपारी देकर अपनी पत्नी को जान मारने की योजना बनाया.
सीतारामडेरा थाना का पूर्व निजी चालक है हत्या का मास्टरमाइंड…..
ज्योति की हत्या की सुपारी सीतारामडेरा थाना के पूर्व निजी चालक और वर्तमान में एक इंस्पेक्टर के घरेलू चालक विशाल ने ली थी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उसने हत्या के लिए 36 लाख का सौदा किया था। उसे एक किस्त में 10 तो दूसरी में 16 लाख मिले थे। रवि पत्नी को मरवाना चाहता है, यह बात विशाल जानता था।
विशाल ने सीतारामडेरा और बाहर के तीन युवकों की मदद ली। रंगदारी मांगने का स्वांग रचा और रवि से बाएं हाथ से पत्र लिखवाया। 21 और 22 फरवरी को गाड़ी में पत्र सोनारी में ही डाला और पुलिस को बताया कि भुइयांडीह पार्किंग में किसी ने पत्र डाला। 19 मार्च को पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ, तो रवि पत्नी को मारने के लिए विशाल पर दबाव बनाने लगा। विशाल के ही कहने पर रवि, ज्योति को घर लाने को राजी हुआ। 24 मार्च को ज्योति ससुराल आ गई। रवि ने बेटे से कहा कि वह अपनी मां को होटल चलने के लिए राजी करे। घर से होटल से निकलने और होटल से घर तक जाने का रूट विशाल ने तय किया। विशाल ने ही बताया कि गाड़ी 20 से 30 किलोमीटर की रफ्तार से चलानी है। उसे जगह-जगह गाड़ी को रोकना है।