Gumla accident: झारखंड के गुमला में रोड कंस्ट्रक्शन साइट पर निर्माण कार्य में लगे 2 मजदूरों की मिक्सचर मशीन में फंसकर दर्दनाक मौत हो गई। बताया जाता है कि मजदूरों की मौत के बाद प्लांट में मौजूद कंपनी के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी फरार हो गए। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों आक्रोशित ग्रामीण प्लांट पहुंच कर हंगामा करने लगे और प्लांट में कई मशीनों में तोड़फोड़ की। इस दौरान ग्रामीणों ने भाग रहे प्लांट के मैकेनिकल फोरमैन मनोरंजन जेना को खदेड़ कर पकड़ा और मारपीट की। इसी दौरान पुलिस मौके पर पहुंची और फोरमैन को भीड़ से निकाल कर अपने वाहन में बैठाया। इसके बाद भी लोग मनोरंजन जेना को गाड़ी से निकालकर मारपीट करने का प्रयास करते रहे।
बताया जाता है कि मृतक पलमा- गुमला फोरलेन सड़क का निर्माण कर रही आरकेडी कंस्ट्रक्शन कंपनी के सिसई रेडवा स्थित प्लांट में काम कर रहे थे। मरने वाले मजदूरों में बिरकेरा महुआटोली निवासी भरत गोप (16) व मुर्ग अंबाटोली निवासी प्रदीप उरांव (20) शामिल हैं। हादसा तो दुखद था ही, उससे भी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह थी कि हादसे के समय मजदूरों की मदद करने की बजाय कंपनी के पदाधिकारी और कर्मचारी भाग गए।
2 मजदूरों की मौत के बाद आरकेडी कंपनी के खिलाफ उग्र ग्रामीणों ने एनएच -23 गुमला रांची मार्ग को जाम कर दिया। जिससे सड़क की दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। सड़क जाम कर रहे ग्रामीण उपायुक्त को बुलाने की मांग कर रहे थे। जाम के दो घंटा के बाद एसडीओ रवि जैन , एलआरडीसी सुषमा नीलम सोरेन व प्रशिक्षु आईएएस आशीष गंगवार जाम स्थल पहुंचे। उक्त अधिकारियों ने सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों से वार्ता की और समझाने बुझाने के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम हटाने का निर्णय लिया। अधिकारियों, मृतक के परिजन व ग्रामीण के समक्ष वार्ता कर आरकेडी कंट्रक्शन कंपनी के सीजीएम लक्ष्मण सेठी द्वारा दोनों पीड़ित परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए एक-एक लाख रुपए की नकद सहायता राशि दी। अलग से दोनों परिवारों को 30-30 लाख रुपए का चेक , 28 जून से 30 जून तक पीड़ित परिवार को देने और परिवार के एक- एक सदस्य को रोजगार देने की लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीण शव उठाने देने पर राजी हुए।
जिसके बाद प्रशासन द्वारा दोनों शवों को पोस्टमार्टम को भेजा गया। उधर रात्रि करीब आठ बजे घटना स्थल पर सिसई विधायक जिग्गा सुसारन होरो पहुंचे। जिसके बाद पीड़ित परिवार को नकद राशि एक – एक लाख दिया गया। विधायक ने पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने अपने वरीय पदाधिकारियों को घटना की सूचना देते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की। पुलिस पदाधिकारियों व जवानों ने काफी प्रयास के बाद भीड़ को नियंत्रित किया और लोगों को समझा-बुझाकर मशीन में फंसे दोनों मजदूरों के शव को शाम 4 बजे के करीब मशीन से बाहर निकाला। इसके बाद ग्रामीण शव के साथ प्रदर्शन करते रहे। रात में आठ बजे के बाद शव को उठाया। घटना को लेकर प्लांट के मैकेनिकल फोरमैन मनोरंजन जेना बताया कि सुपरवाइजर की गलती से हादसा हुआ।
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