Chhath Puja/जमशेदपुर: चैती छठ महापर्व और रामनवमी महोत्सव के सफल आयोजन के मद्देनजर केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को शहर के विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान घाटों की बदहाल स्थिति और अव्यवस्थाओं को देखते हुए समिति ने असंतोष व्यक्त किया और जिला प्रशासन से त्वरित मरम्मत व सफाई कार्य शुरू करने की मांग की।
स्वर्णरेखा घाट की हालत सबसे दयनीय
निरीक्षण के दौरान स्वर्णरेखा घाट की स्थिति सबसे खराब पाई गई। यहां नए पुल के निर्माण के कारण विसर्जन स्थल अतिक्रमण की चपेट में आ गया है और चारों ओर निर्माण सामग्री फैली हुई है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, सती घाट और सब स्टेशन घाट के प्रवेश द्वार पर गहरे गड्ढे खुदे हुए हैं, जो मूर्ति विसर्जन में बाधा बन सकते हैं।

अव्यवस्था से बढ़ सकती है श्रद्धालुओं की परेशानी
पांडे घाट, कपाली घाट और अन्य प्रमुख घाटों की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है। घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं, लाइटिंग टावर स्थल पर लोहे के गार्डर पड़े हुए हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है। समिति ने जिला प्रशासन से सभी घाटों पर क्रेन की व्यवस्था करने और पानी के पर्याप्त स्तर को बनाए रखने की मांग की है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।
जल्द सुधार कार्य न हुआ तो होगा विरोध
केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने कहा कि एक माह पूर्व ही प्रशासन को घाटों की मरम्मत और सफाई को लेकर आवेदन सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द सुधार कार्य शुरू नहीं किया गया तो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में शामिल प्रमुख सदस्य
इस निरीक्षण अभियान में समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह के साथ रामबाबू सिंह, भीष्म सिंह, धर्मेंद्र प्रसाद, अशोक सिन्हा, प्रमोद तिवारी, परमात्मा मिश्रा, शंभू मुखी, प्रदीप दास, मनीष कुमार, विजय वर्धा, किशोर साहू, संतोष कालिंदी और रवि भुइंया उपस्थित थे।