जिस तरह सरकार ने नया टैक्स कानून बनाने की घोषणा की है और उसके साथ साथ नए टैक्स रिजिम 12 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स पर पूरी तरह छूट दे दी गई है, उससे ये संकेत मिलता है कि सरकार जल्दी ही पुराने टैक्स रिजिम को खत्म करने जा रही है.
क्या सरकार पुरानी व्यवस्था को खत्म करने की योजना बना रही है? निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नया आयकर कानून पेश करने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही ये कहा जाने लगा है कि शायद अब नया टैक्स कानून पुरानी व्यवस्था को खत्म करने की ओर एक कदम है.
जैसा कि हम देख रहे हैं कि सरकार ने पिछले दो तीन सालों से पुरानी टैक्स प्रणाली में कोई छूट नहीं दी है लेकिन नई कर व्यवस्था पर लगातार रियायतें दी हैं. इस बार तो नई टैक्स प्रणाली पर बंपर छूट दी गई है. ये पहले 07 लाख रुपए थी.
2020 में, सरकार ने नई कर व्यवस्था शुरू की थी और 2023 में यह डिफ़ॉल्ट व्यवस्था बन गई. हालांकि देश में अब भी ज्यादातर लोग नए टैक्स रिजिम में हैं. सरकार की घोषणा अब लोगों को नए टैक्स रिजिम में आने को प्रोत्साहित करेगी. भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों में नई टैक्स प्रणाली को लगातार आगे बढ़ाया है और इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं.
नया टैक्स बिल क्या करेगा
पूरी उम्मीद है कि नए टैक्स बिल में पुराने रिजिम को खत्म करने की पेशकश होगी, जिस पर सरकार ठप्पा लगा देगी. कहा जा सकता है कि ये वित्तीय वर्ष पुराने टैक्स रिजिस के लिहाज से आखिरी साल होगा.
पुरानी कर व्यवस्था खत्म होने पर क्या होगा
जब पुरानी कर व्यवस्था समाप्त हो जाएगी, तो करदाताओं के पास पीपीएफ, एनएससी और एसएसवाई जैसी छोटी निवेश योजनाओं में निवेश करने के लिए बहुत कम या कोई प्रोत्साहन नहीं होगा.
नई प्रणाली में क्या है
नई टैक्स प्रणाली में विभिन्न छूट और कटौतियों को हटा दिया गया है, जैसे कि धारा 80C, 80D आदि. इस प्रणाली को करदाताओं के लिए सरल और समझने में आसान बनाया गया है.
नई टैक्स प्रणाली के फायदे
कम दरों पर टैक्स लगने से करदाताओं को वित्तीय लाभ होता है.छूट और कटौतियों के झंझट से मुक्ति मिलती है, जिससे टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान हो जाता है.टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ती है, जिससे करदाताओं का विश्वास मजबूत होता है.
नई टैक्स प्रणाली के नुकसान
छूट और कटौतियों का नुकसानजो करदाता विभिन्न छूट और कटौतियों का लाभ उठाते थे, उन्हें इस प्रणाली में नुकसान हो सकता है. उच्च आय वर्ग के करदाताओं के लिए यह प्रणाली पुरानी टैक्स प्रणाली की तुलना में कम फायदेमंद हो सकती है.
भारत में कितने लोग नए और पुराने टैक्स रिजिम में
भारत में नए इनकम टैक्स प्रणाली को अपनाने वाले करदाताओं की संख्या कुल करदाताओं की 72फीसदी है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जब इनकम टैक्स फाइलिंग की गई, तब 72% लोगों ने नए टैक्स सिस्टम का विकल्प चुना, जबकि पुराने टैक्स सिस्टम से मोहभंग की स्थिति देखी गई. इसका मतलब ये भी हुआ कि अब जो बचे हुए लोग हैं वो भी नई टैक्स प्रणाली के ओर रुख करेंगे.
नया टैक्स कानून क्या करेगा
भारत सरकार का नया टैक्स कानून कई बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है. इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में पेश करते हुए की. नया कानून 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा. इसे अधिक सरल और समझने में आसान बनाने का लक्ष्य रखा गया है.– नए कानून में जटिलताओं को कम करने और अनावश्यक प्रावधानों को हटाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसका उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना है.नया कानून “न्याय” देने वाला होगा. यह मौजूदा बिल की तुलना में सरल होगा, जिससे कानूनी विवादों की संख्या कम होगी.मसौदा कानून को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया जाएगा, जिससे करदाताओं और विशेषज्ञों से प्रतिक्रिया ली जाएगी और फिर जरूरी संशोधन किए जा सकेंगे.– इस नए टैक्स कानून का उद्देश्य न केवल करदाताओं को राहत देना है, बल्कि भारत के कर प्रणाली को आधुनिक बनाना भी है.