Bengali unity Rally: झारखंड बंगलाभाषी उन्नयन समिति द्वारा रविवार को जमशेदपुर में राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में न केवल जमशेदपुर शहर की विभिन्न बंगला भाषी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए, बल्कि राज्य भर के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
सम्मेलन का उद्देश्य राज्य में बंगला भाषा की लगातार हो रही उपेक्षा के खिलाफ एकजुटता दिखाना और आंदोलन को और अधिक सशक्त करना था।कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष काबू दत्ता ने की। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार बंगला भाषा की उपेक्षा कर रही है जबकि राज्य की लगभग एक तिहाई आबादी बंगला भाषी है।
उन्होंने बताया कि राज्य के स्कूलों में बंगला भाषा की पढ़ाई न होना बेहद चिंताजनक है। इसके अलावा, हाल ही में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदला जाना भी बंगालियों की अस्मिता पर आघात है।दत्ता ने जोर देकर कहा कि समिति बंगला भाषा के अस्तित्व को बचाने और बंगालियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए लगातार संघर्षरत है।
सम्मेलन में शामिल वक्ताओं ने एक बड़े राज्यव्यापी आंदोलन की जरूरत पर बल दिया और सभी बंगभाषियों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।सम्मेलन के अंत में यह संकल्प लिया गया कि आने वाले दिनों में झारखंड में एक बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा ताकि बंगला भाषा को राज्य की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी मान्यता में उसका उचित स्थान दिलाया जा सके।