झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री शपथ ग्रहण के बाद से ही राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी सोमवार को यानी की 09 दिसंबर को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। पदभार ग्रहण करने से पहले इरफान अंसारी ने धनबाद में मीडिया को एक बड़ा बयान दिया है।
इरफान अंसारी रविवार को धनबाद के गोविंदपुर के फकीरडीह पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो पदभार संभालते ही सबसे पहले राज्य के सभी उपायुक्त को पत्र लिखेंगे कि अस्पताल में इलाज के दौरान अगर किसी मरीज की मौत होती है तो बिना बिल चुकाए मृतक के परिजनों को अस्पताल प्रबंधक शव को सौंपे। अगर इस आदेश को कोई निजी अस्पताल प्रबंधक मानने से इंकार करता है तो इनपर जिला प्रशासन कानूनी कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के मनमाने रवैये पर लगाम लगाने का काम किया जायेगा। इरफान ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सुस्त है, जहां जान-माल की सुरक्षा नहीं है, जहां स्वास्थ्य की रक्षा नहीं है और स्वास्थ्य को व्यवसाय के रूप में देखा जाता है, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों ने सारे मापदंड बिगाड़ दिए हैं। आयुष्मान के मापदंड की प्रक्रिया हर हाल में पूरी करनी होगी। लोग स्वास्थ्य के साथ व्यवसाय करने लगे हैं, इस पर रोक लगाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट हास्पिटल के संचालक दो कमरा किराये पर लेकर अधिकारियों को रिश्वत देकर आयुष्मान की मान्यता ले लेते हैं। उनका एकमात्र मकसद गरीबों के पैसे को लूटना है, उनका इलाज नहीं करना है। मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि वो ऐसे मामलों में काफी सख्त हैं, आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों का इलाज करने वाले सभी निजी अस्पतालों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। मापदंड प्रक्रिया में थोड़ी सी भी गलती पाए जाने पर न सिर्फ अस्पताल को सील किया जाएगा, बल्कि उसके मालिक को भी जेल होगी।
विभाग की ओर से डीसी और एसपी को पत्र भेजा जाएगा। निजी अस्पताल को चाहे जितना भी नुकसान हो, उसे वहन करना होगा। हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे की कोई भी अस्पताल बिल के लिए किसी मरीज का शव अपने पास रख कर परिजनों को परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।