भाजपा की सीटें घटी हैं, लेकिन आगे उसकी स्थिति में कमजोरी न आए, इसके लिए उसे उन बड़े कारणों पर खुले मन से विचार करना चाहिए, जिसके कारण उसके प्रदर्शन में कमी आई है। भाजपा के इस कमजोर प्रदर्शन के लिए जिन दस सबसे बड़े कारणों को अहम माना जा रहा है, वे इस प्रकार हैं-
दो बार प्रचंड ताकत के साथ भाजपा को सत्ता सौंपने के बाद जनता ने उसे तीसरी बार सरकार चलाने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन उसकी ‘मनमानियों’ पर ‘अंकुश’ भी लगा दिया है। यह इस बात का संकेत है कि जनता सरकार चलाने के योग्य तो अभी भी भाजपा को मानती है, लेकिन साथ ही वह उसकी नीतियों और कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव भी चाहती है। भाजपा की सीटें घटी हैं, लेकिन आगे उसकी स्थिति में कमजोरी न आए, इसके लिए उसे उन बड़े कारणों पर खुले मन से विचार करना चाहिए, जिसके कारण उसके प्रदर्शन में कमी आई है। भाजपा के इस कमजोर प्रदर्शन के लिए जिन दस सबसे बड़े कारणों को अहम माना जा रहा है, वे इस प्रकार हैं-
यूपी में भ्रम पड़ा भारी
भाजपा ने इस चुनाव में 240 सीटें हासिल की हैं। उसे 63 सीटों का नुकसान हुआ है। अकेले उत्तर प्रदेश में पार्टी को 29 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। यदि भाजपा को अकेले उत्तर प्रदेश में नुकसान न होता, तो वह लगभग अकेले दम पर बहुमत पाने की स्थिति (272 सीट) में आ जाती। यानी कहा जा सकता है कि केवल उत्तर प्रदेश में भाजपा को हुए नुकसान ने पार्टी को अपने दम पर सत्ता बनाने की स्थिति से दूर कर दिया।