कैंसर एक बीमारी है जो किसी को भी अपना शिकार बना लेती है। इस बीमारी के कई प्रकार होते हैं जिन्हें शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने की वजह से उन्हीं के नामों से जाना जाता है। कोलन कैंसर (Colon Cancer) इस बीमारी का ऐसा ही एक प्रकार है जो इन दिनों युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी बातें-
इन दिनों लोगों की बदलती जीवनशैली उन्हें कई समस्याओं का शिकार बना रही हैं। आजकल दिल की बीमारियां, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। कोलन कैंसर इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक हैं, जो आजकल कई लोगों के लिए समस्या की वजह बनी हुई है। यह कैंसर का एक गंभीर प्रकार है, जो आज युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है।
हाल ही में इसे लेकर दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (DSCI) ने एक स्टडी जारी की है, जिसमें यह बताया गया कि कोलन कैंसर 31-40 साल की उम्र के युवाओं में तेजी से देखने को मिल रहा है। जबकि पहले 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोलन कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता था। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे लाइफस्टाइल से जुड़ी उन आदतों के बारे में, जो लोगों को कम उम्र में ही कोलन कैंसर का शिकार बना रही है।
कोलन कैंसर, जिसे कोलोरेक्टल कैंसर भी कहा जाता है, कोलन या रेक्टल सेल्स में डीएनए म्यूटेशन के कारण होने वाली एक बीमारी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक कोलोरेक्टल कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कोलन या रेक्टम यानी मलाशय में सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। कोलन बड़ी आंत या बॉवल होता है, वहीं मलाशय वह मार्ग है, जो कोलन को एनस से जोड़ता है।
हमारे खानपान और रहन-सहन का हमारी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। कोलन कैंसर भी हमारी कुछ आदतों का ही नतीजा है। खराब डाइट, तंबाकू, धूम्रपान और ज्यादा शराब इसके जोखित को बढ़ाते हैं। हेरेडेटरी सिंड्रोम और पारिवारिक इतिहास भी इस बीमारी के विकसित होने की संभावना को बढ़ाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अध्ययन से पता चलता है कि कोलन कैंसर दुनिया में तीसरा सबसे आम कैंसर है। ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी रिपोर्ट 2020 के अनुसार, यह बीमारी भारतीयों में चौथा सबसे आम कैंसर है।
कोलन कैंसर पॉलीप्स नामक सेल्स के छोटे-छोटे गुच्छों के कारण होता है। नियमित जांच से इन पॉलीप्स को पहचानने और हटाने में मदद मिलती है। आप कोलन कैंसर को निम्न लक्षणों से पहचान सकते हैं-
• ब्लोटिंग
• एनीमिया
• वजन घटना
• मतली या उल्टी
• थकान और कमजोरी
• लगातार दस्त या कब्ज
• मल की स्थिरता में बदलाव
• मलाशय से ब्लीडिंग या मल त्याग के दौरान खून आना
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