Sindoor Ka Saudagar: नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने भाजपा को सिंदूर का सौदागर करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक पुराने दावे का हवाला दिया, जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था।
खेड़ा ने आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम के दौरान पीएम मोदी पूरी तरह मौन रहे। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी दबाव और ट्रम्प के बयानों के चलते भारत की सैन्य कार्रवाई को अचानक रोक दिया गया, जिससे देश की सुरक्षा और सम्मान पर प्रश्नचिन्ह लग गया। खेड़ा ने इसे “देश से गद्दारी” और “सिंदूर का सौदा” बताते हुए सरकार की नीतियों की आलोचना की।
खेड़ा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जयशंकर ने स्वीकार किया था कि एयर स्ट्राइक की शुरुआत में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी। खेड़ा ने पूछा कि इस जानकारी के लीक होने से भारतीय वायुसेना को कितना नुकसान हुआ और कितने विमान खोए गए। उन्होंने इसे एक “गंभीर अपराध” बताया और सरकार से पारदर्शिता की मांग की
विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मंत्री ने केवल यह कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को सामान्य चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसे कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई थी। मंत्रालय ने कहा कि विपक्ष द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
पवन खेड़ा ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जिया-उल-हक के बीच हुए कथित कॉल का उदाहरण देते हुए कहा कि इतिहास में भी ऐसी लापरवाहियां देश को भारी नुकसान पहुंचा चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की सुरक्षा से जुड़ी गंभीर जानकारी साझा करना कोई भूल नहीं, बल्कि अपराध है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवाल उठाए। उन्होंने 19 मई को एक ट्वीट में विदेश मंत्री की चुप्पी को “निंदनीय” बताया और पूछा कि किस अधिकार से पाकिस्तान को सूचना दी गई, जिससे भारत को नुकसान उठाना पड़ा।
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की 14 मई को हुई बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए यह जानने की मांग की गई कि पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई अचानक क्यों रोकी गई और ट्रम्प के बयान पर सरकार ने प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी।
कांग्रेस के इन आरोपों ने सरकार की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, जिस पर देशभर में गंभीर मंथन चल रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इन आरोपों पर क्या जवाब देती है और इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई करती है।