Seraikela Farmer Losses: बीते दिनों मूसलाधार बारिश के कारण सुवर्ण रेखा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे उसके किनारे बसी सब्जी की फसलें जलमग्न हो गईं। किसानों ने बताया कि खीरा, परवल, कुन्दीरी, बैगन, कद्दू और टमाटर की बिछी फसलें लगभग दो फुट तक पानी में डूब गईं और धान की बिछाका (transplant) भी प्रभावित हुआ।


उपायुक्त का पक्ष और आशा
उपायुक्त नितीश कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि हालांकि कुछ सब्जी फसलें बर्बाद हो गई हैं, लेकिन यह बारिश सामान्य मोनसून की प्रारंभिक बारिश है, जो रबी सीज़न की काश्त में मददगार साबित होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “बारिश सही समय पर हो रही है, इससे किसानों को भविष्य में लाभ मिलेगा”। साथ ही उन्होंने मिट्टी में अतिरिक्त नमी बनाए रखने की बात भी कही।


किसानों की चिंताएँ और आर्थिक दबाव
स्थानीय किसानों का आरोप है कि खेतों की जलमग्नता के कारण इन फसलों पर भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कई बार खेत में दो‑दो फुट पानी की वजह से सब्जियाँ पूरी तरह खराब हो गई हैं। धान की बिछाके प्रक्रिया भी अटक गई क्योंकि सही समय पर जल निकासी न होने से खेत तैयार नहीं हो पाए। इससे किसान हताश और चिंतित हैं।

प्रदेश में मॉनसून की व्यापक तस्वीर
इंडिया मौसम विभाग (IMD) और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) की रिपोर्टों से पता चला है कि झारखंड में इस मॉनसून में औसतन वर्षा सामान्य से 60% अधिक दर्ज की गई है। इससे कई क्षेत्रों में कृषि गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं, खासकर पेडी की तैयारी और बिछाके में देरी हो रही है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि इस अतिरिक्त नमी से रबी सीज़न में बेहतर प्रतिफल मिलने की सम्भावना है

आगे का कदम और प्रशासनिक तैयारी
उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि सिंचाई और जल निकासी तंत्र को मजबूत करने के लिए अविलंब योजना बनाई जाएगी। साथ ही किसानों को बेहतर बीज, सलाह और बीमा जैसी राहत दी जाएगी। प्रशासनिक स्तर पर फसल नुकसान की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और जल्द ही प्रभावित किसानों के लिए मुआवज़ा तथा बीमा नीति कार्यान्वित की जाएगी, ताकि आनेवाले रबी मौसम में किसान आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे।
