Secularism RSS controversy: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा भारत के संविधान से ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्दों को हटाने की मांग को लेकर देशभर में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इस विवाद पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को बौद्धिक मार्गदर्शन आरएसएस से मिलता है, और यही संघ अब भारत की आत्मा — धर्मनिरपेक्षता (सेक्युलरिज़्म) — पर सीधा प्रहार कर रहा है। उन्होंने इसे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और जय प्रकाश नारायण जैसे महान विचारकों का अपमान बताया, जिन्होंने संविधान को समावेशी और समाजवादी मूल्यों के आधार पर गढ़ा था।कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि “आरएसएस की इस मांग ने देश की लोकतांत्रिक भावना पर कुठाराघात किया है। भाजपा के शीर्ष नेताओं, विशेषकर प्रधानमंत्री को इस गंभीर मुद्दे पर देश की जनता के सामने अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया देनी चाहिए।”यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल इस विषय को संसद के मानसून सत्र में प्रमुख मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
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