Ranchi: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा याचिका अस्वीकार किये जाने और संबंधित हाईकोर्ट में मामला दायर करने के निर्देश के बाद आज सीएम हेमंत झारखंड हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम हेमंत की याचिका अस्वीकार करते हुए पहले संबंधित हाईकोर्ट में मामला दायर करने का निर्देश दिया है. ईडी समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच सीएम हेमंत ने पीएमएलए-2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती देते हुए कहा था कि इस धारा के कारण किसी को भी पूछताछ के दौरान गिरफ्तारी का भय बना रहता है.
14 अगस्त को ईडी कार्यालय उपस्थित होने का दिया था निर्देश
ध्यान रहे कि कथित जमीन घोटला मामले में ईडी ने सीएम हेमंत को 14 अगस्त को अपने कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था, समन जारी होने के बाद सीएम हेमंत ने ईडी को एक पत्र भेजकर यह सवाल खड़ा किया था कि क्या किसी भी राज्य के मुखिया को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलावा भेजना उसे अपमानित करने की साजिश नहीं है? हर किसी को पत्ता है कि 15 अगस्त और 15 अगस्त के पहले किसी भी सीएम की कितनी व्यस्तता होती है, बावजूद इसके जानबूझ 14 अगस्त की तिथि को निर्धारित करना, इस बात का प्रमाण है कि अपने राजनीतिक आका के दवाब में ईडी एक निर्वाचित सरकार के मुखिया को बदनाम करने की साजिश रच रही है, ताकि इस मामले को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मीडिया का हेडलाईन बनाया जा सके. इसके साथ ही सीएम हेमंत ने ईडी को अपना समन वापस लेने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा
हालांकि उसके बाद एक बार फिर से 24 अगस्त को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया, लेकिन सीएम हेमंत उस दिन भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे और ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयें, इधर मामला कोर्ट में रहने के बावजूद ईडी ने सीएम हेमंत के नाम 9 सितम्बर को तीसरा समन भेजा दिया, लेकिन सीएम हेमंत उस दिन भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे. साफ है कि सीएम हेमंत इस मामले का समाधान सुप्रीम कोर्ट में चाहते थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हे पहले हाईकोर्ट में जाने की सला दी, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली थी.