Property Dispute: वरिष्ठ छायाकार अरविंद कुमार शर्मा के जीवन में इन दिनों शांति नहीं, बल्कि संघर्ष और मानसिक प्रताड़ना का दौर चल रहा है। पेशे से एक सम्मानित फोटोग्राफर रहे श्री शर्मा पिछले कई वर्षों से अपने पुश्तैनी मकान को लेकर गंभीर विवाद में फंसे हुए हैं।
इस मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया जब उन्होंने अपनी व्यथा लेकर जमशेदपुर प्रेस क्लब के माध्यम से चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) विकास कुमार राय से न्याय की मांग की।मामला यह है कि वर्ष 2019 में अरविंद शर्मा ने अपने मकान का एक हिस्सा अनिश पाण्डेय नामक व्यक्ति को किराये पर दिया था।
शुरूआती दिनों में सबकुछ सामान्य था, लेकिन COVID-19 के दौरान न्यायालय की अस्थायी बंदी और लॉकडाउन के कारण किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) नहीं हो सका। इसी का फायदा उठाकर अनिश पाण्डेय ने धीरे-धीरे न केवल किराया देना बंद कर दिया, बल्कि मकान पर अवैध कब्जा भी जमा लिया।अरविंद शर्मा के अनुसार, अनिश पाण्डेय ने अब तक कुल मिलाकर केवल ₹25,500 रुपये का ही किराया अदा किया है, और बीते कई वर्षों से उसने एक रुपया भी भुगतान नहीं किया।
जब शर्मा ने मकान खाली करने की बात की, तो आरोपी ने न केवल मना किया बल्कि उन्हें धमकाने की भी कोशिश की। अरविंद शर्मा का यह भी आरोप है कि अनिश पाण्डेय को स्थानीय राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, और उसका संपर्क पुलिस महकमे के कुछ लोगों से भी है। यही कारण है कि पुलिस भी इस मामले में निष्क्रिय बनी रही है।अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि आरोपी खुलेआम मकान पर कब्जा जमाए हुए है और उल्टे श्री शर्मा से ही पैसे की मांग कर रहा है।
मानसिक रूप से टूट चुके अरविंद शर्मा ने अंततः प्रेस क्लब से सहयोग मांगा, जिसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को SDO विकास कुमार राय से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की।प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब के महासचिव विनय पूर्ति, वरिष्ठ पत्रकार रंगाधर नंदा, कोषाध्यक्ष अजय महतो, बी विजय मूर्ति, पप्पू तिवारी, चाणक्य, जावेद आलम, अभिजीत अधर्जी और खुद अरविंद शर्मा शामिल थे।
मुलाकात के दौरान एसडीओ ने प्रेस क्लब के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएंगे और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे उसका कोई भी राजनीतिक या पुलिस से संबंध क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है।
प्रेस क्लब के महासचिव विनय पूर्ति ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति की लड़ाई नहीं है, बल्कि एक पत्रकार और कलाकार की गरिमा तथा जीवन की सुरक्षा का मामला है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए अरविंद शर्मा को उनका हक दिलाया जाए।अरविंद शर्मा की यह लड़ाई सिर्फ एक मकान के कब्जे की नहीं है, बल्कि उन सभी आम नागरिकों की कहानी है, जो न्याय की आस में वर्षों तक सिस्टम की दहलीज पर खड़े रहते हैं।