Pesa kanoon Jharkhand: झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने झारखंड में पेसा कानून को लागू करने में जानबूझकर देरी का आरोप लगाया और इसे राज्य के आदिवासी समुदाय के अधिकारों के साथ विश्वासघात करार दिया।
रघुवर दास ने कहा कि पेसा कानून, जिसे भारत सरकार ने 1996 में अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन और ग्राम सभा की भूमिका को सशक्त करने के लिए पारित किया था, झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य में अब तक प्रभावी रूप से लागू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि “यह बिरसा मुंडा का सपना था कि आदिवासी समाज को स्वशासन मिले।
लेकिन सरकार जानबूझकर इस कानून को लागू नहीं कर रही है।”उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार विदेशी धर्मों के दबाव में है और उन्हीं के प्रभाव के कारण पेसा कानून को लागू करने से कतरा रही है। दास का दावा था कि इस कानून से बालू, कोयला और खनिज माफियाओं के हित प्रभावित होंगे, इसलिए भी सरकार इसे टाल रही है।
रघुवर दास ने मांग की कि हेमंत सोरेन को बिना किसी देरी के पेसा कानून को लागू करना चाहिए ताकि राज्य के आदिवासी समाज को उनका संवैधानिक अधिकार मिल सके।