Patna murder: राजधानी पटना में अपराध का ग्राफ लगातार चढ़ता जा रहा है। कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए मंगलवार को अपराधियों ने एक युवक की थाना परिसर से महज 500 मीटर की दूरी पर ताबड़तोड़ गोलियों से हत्या कर दी। यह घटना रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जहाँ कुंदन कुमार नामक युवक को निशाना बनाया गया।
वारदात की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि घटना पास लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी तरह कैद हो गई है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बदमाश दिनदहाड़े चलते-फिरते लोगों की मौजूदगी में कुंदन कुमार पर गोलियों की बौछार करते हैं। यह दृश्य न केवल भयावह था, बल्कि इसने राजधानी में आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।
मौके पर मौजूद लोग असहायघटना के दौरान आसपास के लोग वहां से गुजर रहे थे, लेकिन किसी की भी हिम्मत नहीं हुई कि वे अपराधियों का विरोध करें। अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए, जबकि आम नागरिकों का हाल ऐसा था मानो उन्होंने हथियारबंद गुंडों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया हो।
पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में: घटना की जानकारी मिलते ही रामकृष्णा नगर थाना पुलिस मौके पर पहुँची, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस केवल गोली के खोखे गिनने में व्यस्त रही, अपराधियों को पकड़ने की कोई तत्परता नहीं दिखाई दी। यही नहीं, घटना के बाद भी पुलिस क्षेत्र में पर्याप्त गश्त नहीं बढ़ा पाई, जिससे जनता का भरोसा और अधिक टूटता जा रहा है।
मृतक की पहचान और पृष्ठभूमिमृत युवक की पहचान कुंदन कुमार के रूप में हुई है, जो स्थानीय रूप से एक शांत स्वभाव का युवक माना जाता था। उसकी किसी से दुश्मनी होने की बात सामने नहीं आई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि यह मामला आपसी रंजिश या रंगदारी से जुड़ा हो सकता है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।जांच में जुटी डॉग स्क्वाड और FSL टीमघटना के बाद पटना पुलिस ने डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम को मौके पर बुलाया है।
जांच में मदद के लिए घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस के वरीय अधिकारियों ने दावा किया है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान जल्द की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
राजधानी की सुरक्षा पर सवाल पटना जैसे महानगर में थाना से चंद कदमों की दूरी पर खुलेआम हत्या का अंजाम देना कहीं न कहीं पुलिस की नाकामी को दर्शाता है। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि जब पुलिस स्टेशन के इतने पास यह संभव है, तो दूर-दराज के इलाकों में आम जनता कितनी सुरक्षित है?
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आम जनता का आक्रोशघटना के बाद स्थानीय निवासियों में रोष है। लोगों ने कहा कि राजधानी में अपराधी अब खुलेआम कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। कुछ सामाजिक संगठनों ने इस पर मुख्यमंत्री और गृह सचिव से हस्तक्षेप की मांग की है।