नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई के जांच का दायरा झारखंड में बढ़ता ही जा रहा है। सीबीआई ने पहले हजारीबाग में धमक दी। अब सीबीआई चतरा पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने चतरा जिले से दो संदिग्धों का हिरासत में लिया है। उनसे पटना में पूछताछ की जा रही है। ये दो संदिग्ध कौन हैं और इनका बैकग्रांउड क्या है, यह पता नहीं चल पाया है। उधर, हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, उप प्रिंसिपल मो इम्तियाज आलम और जर्नलिस्ट जमालुद्दीन को गिरफ्तार कर पटना ले जाने के बाद वहां उनसे पूछताछ कर रही है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इन तीनों से पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर हजारीबाग के तीन छात्रों से भी सीबीआई ने बात की है। स्कूल का बैकग्रांउड खंगाल रही पुलिस ऐसा नहीं है कि सीबीआई ने ओएसिस स्कूल में पूछताछ के बाद अपने हाथ खींच लिए हैं। सीबीआई अब भी स्कूल को अपने रडार में रखी हुई है। अब सीबीआई की टीम स्कूल का बैकग्राउंड खंगाल रही है। मिली जानकारी के अनुसार स्कूल कब से चल रहा है। जिस जमीन पर स्कूल चल रहा है, उसका नेचर क्या है। जमीन को कैसे और किन प्रक्रिया के तहत हासिल कर उस पर भवन बनाया गया। यह स्कूल कितने समय से इतना डेवलप कर गया, जैसे सवालों के जवाब तलाश रही है। टीम इस बात का भी पता कर रही है कि एक नए स्कूल के प्रिंसिपल को एनटीए का सिटी कॉर्डिनेटर कैसे बना दिया गया। स्कूल के दो शिक्षकों से भी पूछताछ इधर स्कूल सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों जब सीबीआई की टीम जब हजारीबाग में कैंप कर जांच अभियान चला रही थी, उस दौरान ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, उप प्रिंसिपल मो इम्तियाज आलम के साथ-साथ दो शिक्षकों को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। उनसे दिनभर पूछताछ किए जाने के बाद बांड भरवाकर छोड़ दिया गया था। तब उनसे कहा गया था कि जब भी जरूरत होगी पूछताछ के लिए आपको बुलाया जा सकता है। उन्हीं दो शिक्षकों को सीबीआई ने पूछताछ के लिए पटना बुलाया है। कोचिंग संस्थान भी रडार में सूत्रों के मुताबिक हजारीबाग शहर के एक कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर और वहां के शिक्षक सीबीआई की रडार में हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक नीट और जेईई के कोचिंग सेंटर हैं। ये सेंटर शहर के कोर्रा, मटवारी, पगमिल और बंसीलाल चौक में फैले हुए हैं। इनमें से एक सेंटर के निदेशक और प्रोफेसर पर ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल के साथ संबंध होने का संदेह है। इन्हीं लोगों के साथ संदेह इस बात की भी है कि पेपर लीक का सरगना संजीव मुखिया परीक्षा से पहले हजारीबाग आया था। 28 जून को झारखंड से 3 आरोपियों को पटना लाई CBI इस केस में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन हैं। एजेंसी तीनों को हजारीबाग से पटना लेकर पहुंची थी। इस केस में 27 जून को बिहार के पटना से एजेंसी ने 2 लोगों को अरेस्ट किया था। एहसान उल हक समेत 3 लोगों से CBI ने पूछताछ की। CBI और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 3 मई को NEET के क्वेश्चन पेपर कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहां से बैंक भेजे गए। संदेह है कि क्वेश्चन पेपर का पैकेट स्कूल में ही खोला गया था। ओएसिस स्कूल से ही UGC नेट पेपर लीक का भी शक
एक अन्य जानकारी UGC नेट से भी जुड़ी है, जो इसी स्कूल (ओएसिस) की है। UGC नेट परीक्षा भी इसी सेंटर पर हुई थी। इसी स्कूल से नेट के प्रश्नपत्र लीक होने का शक भी है। आज टीम ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज आलम का एक मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है। एजेंसी को शक है कि ओएसिस स्कूल से ही पेपर लीक किया गया है। चिंटू और मुकेश को लेकर रॉकी के घर पहुंची CBI
पटना में शुक्रवार को ही CBI आरोपी चिंटू और मुकेश को साथ लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग में रॉकी के घर से कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था। CBI ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष कुमार के मोबाइल की जांच की। पता चला कि ये सभी आरोपी पिछले 6 महीने से आपस में संपर्क में थे। हर आरोपी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। 27 जून को 2 आरोपी अरेस्ट हुए थे
इससे पहले NEET पेपर लीक मामले में CBI ने 27 जून को 2 आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष को पटना से गिरफ्तार किया था। दोनों ने ही पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रातभर के लिए बुक कराया था। इसी स्कूल में 20 से 25 कैंडिडेट्स को इकट्ठा करके आंसर रटवाया गया। यहीं जली बुकलेट के टुकड़े मिले थे। CBI ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से 26 जून को यह केस अपने हाथ में लिया था। अब तक 5 राज्यों में पुलिस ने 27 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं। इन 3 सवालों में उलझे स्कूल प्रिंसिपल 6 राज्यों में चल रही CBI की जांच
CBI 6 राज्य बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के आपस में संबंधों की पड़ताल कर रही है, ताकि मास्टरमाइंड का पता चल सके। CBI को शक है कि लीक मामले में विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार आरोपी केवल कॉन्ट्रैक्टर हैं, असली अपराधी कोई और है। राज्यों में कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से पेपर स्टूडेंट्स तक पहुंचा था। लीक से जुड़े पुराने अपराधियों से भी पूछताछ होगी। वह पुराने आरोपियों के रिकॉर्ड को निकाल रही है। ये खबर भी पढ़िए.. NEET पेपर लीक- सुप्रीम कोर्ट का NTA को नोटिस:शिक्षा मंत्री प्रधान स्टूडेंट और पेरेंट्स से मिले, बोले- कोर्ट जो भी कहेगा, हम करेंगे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 14 जून को NEET UG पेपर लीक और इसकी CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि NTA दो हफ्तों के अंदर इस पर अपना पक्ष रखे। इस मामले पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। पिटीशनर हितेश सिंह कश्यप का आरोप है कि गुजरात के गोधरा में जय जल राम परीक्षा सेंटर को चुनने के लिए कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड आदि राज्यों में 26 छात्रों ने 10-10 लाख रुपए घूस दी थी। पूरी खबर पढ़िए
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई के जांच का दायरा झारखंड में बढ़ता ही जा रहा है। सीबीआई ने पहले हजारीबाग में धमक दी। अब सीबीआई चतरा पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने चतरा जिले से दो संदिग्धों का हिरासत में लिया है। उनसे पटना में पूछताछ की जा रही है। ये दो संदिग्ध कौन हैं और इनका बैकग्रांउड क्या है, यह पता नहीं चल पाया है। उधर, हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, उप प्रिंसिपल मो इम्तियाज आलम और जर्नलिस्ट जमालुद्दीन को गिरफ्तार कर पटना ले जाने के बाद वहां उनसे पूछताछ कर रही है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इन तीनों से पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर हजारीबाग के तीन छात्रों से भी सीबीआई ने बात की है। स्कूल का बैकग्रांउड खंगाल रही पुलिस ऐसा नहीं है कि सीबीआई ने ओएसिस स्कूल में पूछताछ के बाद अपने हाथ खींच लिए हैं। सीबीआई अब भी स्कूल को अपने रडार में रखी हुई है। अब सीबीआई की टीम स्कूल का बैकग्राउंड खंगाल रही है। मिली जानकारी के अनुसार स्कूल कब से चल रहा है। जिस जमीन पर स्कूल चल रहा है, उसका नेचर क्या है। जमीन को कैसे और किन प्रक्रिया के तहत हासिल कर उस पर भवन बनाया गया। यह स्कूल कितने समय से इतना डेवलप कर गया, जैसे सवालों के जवाब तलाश रही है। टीम इस बात का भी पता कर रही है कि एक नए स्कूल के प्रिंसिपल को एनटीए का सिटी कॉर्डिनेटर कैसे बना दिया गया। स्कूल के दो शिक्षकों से भी पूछताछ इधर स्कूल सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों जब सीबीआई की टीम जब हजारीबाग में कैंप कर जांच अभियान चला रही थी, उस दौरान ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, उप प्रिंसिपल मो इम्तियाज आलम के साथ-साथ दो शिक्षकों को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। उनसे दिनभर पूछताछ किए जाने के बाद बांड भरवाकर छोड़ दिया गया था। तब उनसे कहा गया था कि जब भी जरूरत होगी पूछताछ के लिए आपको बुलाया जा सकता है। उन्हीं दो शिक्षकों को सीबीआई ने पूछताछ के लिए पटना बुलाया है। कोचिंग संस्थान भी रडार में सूत्रों के मुताबिक हजारीबाग शहर के एक कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर और वहां के शिक्षक सीबीआई की रडार में हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक नीट और जेईई के कोचिंग सेंटर हैं। ये सेंटर शहर के कोर्रा, मटवारी, पगमिल और बंसीलाल चौक में फैले हुए हैं। इनमें से एक सेंटर के निदेशक और प्रोफेसर पर ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल के साथ संबंध होने का संदेह है। इन्हीं लोगों के साथ संदेह इस बात की भी है कि पेपर लीक का सरगना संजीव मुखिया परीक्षा से पहले हजारीबाग आया था। 28 जून को झारखंड से 3 आरोपियों को पटना लाई CBI इस केस में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन हैं। एजेंसी तीनों को हजारीबाग से पटना लेकर पहुंची थी। इस केस में 27 जून को बिहार के पटना से एजेंसी ने 2 लोगों को अरेस्ट किया था। एहसान उल हक समेत 3 लोगों से CBI ने पूछताछ की। CBI और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 3 मई को NEET के क्वेश्चन पेपर कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहां से बैंक भेजे गए। संदेह है कि क्वेश्चन पेपर का पैकेट स्कूल में ही खोला गया था।
एक अन्य जानकारी UGC नेट से भी जुड़ी है, जो इसी स्कूल (ओएसिस) की है। UGC नेट परीक्षा भी इसी सेंटर पर हुई थी। इसी स्कूल से नेट के प्रश्नपत्र लीक होने का शक भी है। आज टीम ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज आलम का एक मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है। एजेंसी को शक है कि ओएसिस स्कूल से ही पेपर लीक किया गया है। चिंटू और मुकेश को लेकर रॉकी के घर पहुंची CBI
पटना में शुक्रवार को ही CBI आरोपी चिंटू और मुकेश को साथ लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग में रॉकी के घर से कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था। CBI ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष कुमार के मोबाइल की जांच की। पता चला कि ये सभी आरोपी पिछले 6 महीने से आपस में संपर्क में थे। हर आरोपी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। 27 जून को 2 आरोपी अरेस्ट हुए थे
इससे पहले NEET पेपर लीक मामले में CBI ने 27 जून को 2 आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष को पटना से गिरफ्तार किया था। दोनों ने ही पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रातभर के लिए बुक कराया था। इसी स्कूल में 20 से 25 कैंडिडेट्स को इकट्ठा करके आंसर रटवाया गया। यहीं जली बुकलेट के टुकड़े मिले थे। CBI ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से 26 जून को यह केस अपने हाथ में लिया था। अब तक 5 राज्यों में पुलिस ने 27 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं।
CBI 6 राज्य बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के आपस में संबंधों की पड़ताल कर रही है, ताकि मास्टरमाइंड का पता चल सके। CBI को शक है कि लीक मामले में विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार आरोपी केवल कॉन्ट्रैक्टर हैं, असली अपराधी कोई और है। राज्यों में कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से पेपर स्टूडेंट्स तक पहुंचा था। लीक से जुड़े पुराने अपराधियों से भी पूछताछ होगी। वह पुराने आरोपियों के रिकॉर्ड को निकाल रही है। ये खबर भी पढ़िए.. NEET पेपर लीक- सुप्रीम कोर्ट का NTA को नोटिस:शिक्षा मंत्री प्रधान स्टूडेंट और पेरेंट्स से मिले, बोले- कोर्ट जो भी कहेगा, हम करेंगे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 14 जून को NEET UG पेपर लीक और इसकी CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि NTA दो हफ्तों के अंदर इस पर अपना पक्ष रखे। इस मामले पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। पिटीशनर हितेश सिंह कश्यप का आरोप है कि गुजरात के गोधरा में जय जल राम परीक्षा सेंटर को चुनने के लिए कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड आदि राज्यों में 26 छात्रों ने 10-10 लाख रुपए घूस दी थी। पूरी खबर पढ़िए नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई के जांच का दायरा झारखंड में बढ़ता ही जा रहा है। सीबीआई ने पहले हजारीबाग में धमक दी। अब सीबीआई चतरा पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने चतरा जिले से दो संदिग्धों का हिरासत में लिया है। उनसे पटना में पूछताछ की जा रही है। ये दो संदिग्ध कौन हैं और इनका बैकग्रांउड क्या है, यह पता नहीं चल पाया है। उधर, हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, उप प्रिंसिपल मो इम्तियाज आलम और जर्नलिस्ट जमालुद्दीन को गिरफ्तार कर पटना ले जाने के बाद वहां उनसे पूछताछ कर रही है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इन तीनों से पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर हजारीबाग के तीन छात्रों से भी सीबीआई ने बात की है। स्कूल का बैकग्रांउड खंगाल रही पुलिस ऐसा नहीं है कि सीबीआई ने ओएसिस स्कूल में पूछताछ के बाद अपने हाथ खींच लिए हैं। सीबीआई अब भी स्कूल को अपने रडार में रखी हुई है। अब सीबीआई की टीम स्कूल का बैकग्राउंड खंगाल रही है। मिली जानकारी के अनुसार स्कूल कब से चल रहा है। जिस जमीन पर स्कूल चल रहा है, उसका नेचर क्या है। जमीन को कैसे और किन प्रक्रिया के तहत हासिल कर उस पर भवन बनाया गया। यह स्कूल कितने समय से इतना डेवलप कर गया, जैसे सवालों के जवाब तलाश रही है। टीम इस बात का भी पता कर रही है कि एक नए स्कूल के प्रिंसिपल को एनटीए का सिटी कॉर्डिनेटर कैसे बना दिया गया। स्कूल के दो शिक्षकों से भी पूछताछ इधर स्कूल सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों जब सीबीआई की टीम जब हजारीबाग में कैंप कर जांच अभियान चला रही थी, उस दौरान ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, उप प्रिंसिपल मो इम्तियाज आलम के साथ-साथ दो शिक्षकों को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। उनसे दिनभर पूछताछ किए जाने के बाद बांड भरवाकर छोड़ दिया गया था। तब उनसे कहा गया था कि जब भी जरूरत होगी पूछताछ के लिए आपको बुलाया जा सकता है। उन्हीं दो शिक्षकों को सीबीआई ने पूछताछ के लिए पटना बुलाया है। कोचिंग संस्थान भी रडार में सूत्रों के मुताबिक हजारीबाग शहर के एक कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर और वहां के शिक्षक सीबीआई की रडार में हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक नीट और जेईई के कोचिंग सेंटर हैं। ये सेंटर शहर के कोर्रा, मटवारी, पगमिल और बंसीलाल चौक में फैले हुए हैं। इनमें से एक सेंटर के निदेशक और प्रोफेसर पर ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल के साथ संबंध होने का संदेह है। इन्हीं लोगों के साथ संदेह इस बात की भी है कि पेपर लीक का सरगना संजीव मुखिया परीक्षा से पहले हजारीबाग आया था। 28 जून को झारखंड से 3 आरोपियों को पटना लाई CBI इस केस में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन हैं। एजेंसी तीनों को हजारीबाग से पटना लेकर पहुंची थी। इस केस में 27 जून को बिहार के पटना से एजेंसी ने 2 लोगों को अरेस्ट किया था। एहसान उल हक समेत 3 लोगों से CBI ने पूछताछ की। CBI और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 3 मई को NEET के क्वेश्चन पेपर कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहां से बैंक भेजे गए। संदेह है कि क्वेश्चन पेपर का पैकेट स्कूल में ही खोला गया था।
एक अन्य जानकारी UGC नेट से भी जुड़ी है, जो इसी स्कूल (ओएसिस) की है। UGC नेट परीक्षा भी इसी सेंटर पर हुई थी। इसी स्कूल से नेट के प्रश्नपत्र लीक होने का शक भी है। आज टीम ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज आलम का एक मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है। एजेंसी को शक है कि ओएसिस स्कूल से ही पेपर लीक किया गया है.
पटना में शुक्रवार को ही CBI आरोपी चिंटू और मुकेश को साथ लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग में रॉकी के घर से कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था। CBI ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष कुमार के मोबाइल की जांच की। पता चला कि ये सभी आरोपी पिछले 6 महीने से आपस में संपर्क में थे। हर आरोपी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी।
इससे पहले NEET पेपर लीक मामले में CBI ने 27 जून को 2 आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष को पटना से गिरफ्तार किया था। दोनों ने ही पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रातभर के लिए बुक कराया था। इसी स्कूल में 20 से 25 कैंडिडेट्स को इकट्ठा करके आंसर रटवाया गया। यहीं जली बुकलेट के टुकड़े मिले थे। CBI ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से 26 जून को यह केस अपने हाथ में लिया था। अब तक 5 राज्यों में पुलिस ने 27 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं।
CBI 6 राज्य बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के आपस में संबंधों की पड़ताल कर रही है, ताकि मास्टरमाइंड का पता चल सके। CBI को शक है कि लीक मामले में विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार आरोपी केवल कॉन्ट्रैक्टर हैं, असली अपराधी कोई और है। राज्यों में कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से पेपर स्टूडेंट्स तक पहुंचा था। लीक से जुड़े पुराने अपराधियों से भी पूछताछ होगी। वह पुराने आरोपियों के रिकॉर्ड को निकाल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 14 जून को NEET UG पेपर लीक और इसकी CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि NTA दो हफ्तों के अंदर इस पर अपना पक्ष रखे। इस मामले पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। पिटीशनर हितेश सिंह कश्यप का आरोप है कि गुजरात के गोधरा में जय जल राम परीक्षा सेंटर को चुनने के लिए कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड आदि राज्यों में 26 छात्रों ने 10-10 लाख रुपए घूस दी थी।