Naxal Leader Arrested: एक करोड़ की लेवी मांगने वाले नक्सली योगेन्द्र गंझू सहित चार गिरफ्ताररांची, नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए रांची पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने भाकपा (माओवादी) से जुड़े चार सक्रिय नक्सलियों को गिरफ्तार किया है, जो रांची जिले के खलारी और मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र में व्यवसायियों और ठेकेदारों से एक करोड़ रुपये की लेवी वसूलने की साजिश रच रहे थे। गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए अभियान में पुलिस ने उन्हें चट्टी नदी के पास से रंगे हाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तार नक्सली‚ नक्सली साहित्य और हथियार बरामद
पकड़े गए माओवादियों में योगेन्द्र गंझू उर्फ पवन, मुकेश गंझू, मनु गंझू और राजकुमार नाहक शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से एक लोडेड देशी पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस, नक्सली पर्चे, और लेवी वसूली में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद किए हैं। बरामद मोबाइल फोन से कई जरूरी जानकारियां और संपर्क सूत्र मिलने की संभावना है, जिनकी जांच की जा रही है।
कुख्यात नक्सली है योगेन्द्र‚ कई मुठभेड़ों में शामिल रहा
गिरफ्तार मुख्य आरोपी योगेन्द्र गंझू कोई नया नाम नहीं है। वह वर्ष 2006 से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय रहा है और अब तक कई पुलिस मुठभेड़ों में शामिल हो चुका है। योगेन्द्र पहले भी कई बार जेल जा चुका है और साल 2022 में हाल ही में जेल से बाहर आया था। उसके खिलाफ लातेहार, बालूमाथ, गारू और पांकी समेत कई थानों में गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस का मानना है कि जेल से छूटने के बाद उसने दोबारा संगठन के लिए काम शुरू कर दिया था।
ईंट-भट्ठा मालिक और ठेकेदार थे निशाने पर
पुलिस के अनुसार, ये सभी माओवादी व्यवसायियों, ईंट-भट्ठा मालिकों और निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदारों को निशाना बनाकर एक करोड़ रुपये की लेवी वसूलने की योजना बना रहे थे। इन लोगों ने बक्सी बंगला चट्टी नदी के पास एकत्र होकर आगे की रणनीति बनाई थी, जिसकी सूचना पुलिस को पहले ही मिल गई थी।पुलिस ने इन चारों को उसी स्थान से गिरफ्तार कर लिया और अब पूछताछ के माध्यम से नेटवर्क की पूरी जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है।
सुरक्षाबलों की सक्रियता‚ नक्सलवाद पर लगातार प्रहार
इस गिरफ्तारी को राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर, सारंडा जंगल में भी सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है, जहां मानसून के बावजूद IED बरामद किए जा रहे हैं। यह साफ है कि राज्य सरकार और सुरक्षाबलों का नक्सलियों पर शिकंजा दिन-ब-दिन कसता जा रहा है।