Maiyaan Yojana Scam: जमशेदपुर के घाटशिला अनुमंडल स्थित गालूडीह थाना क्षेत्र में झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यह योजना राज्य की महिलाओं को सशक्त और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है, लेकिन अब इसमें बाहरी महिलाओं को लाभ पहुंचाने की साजिश सामने आई है।
बिहार-बंगाल की महिलाओं को मिला योजना का लाभ
हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव में 172 मुस्लिम महिलाओं के नाम योजना में लाभुक के तौर पर दर्ज किए गए, जबकि जांच में सामने आया कि ये सभी महिलाएं झारखंड की निवासी नहीं हैं। इन महिलाओं में 40 बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र की और 132 पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा थाना क्षेत्र की निवासी हैं।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हेंदलजुड़ी पंचायत के अंतर्गत आने वाले आठ गांवों में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता। इसके बावजूद इन महिलाओं के नाम मंईयां सम्मान योजना की स्वीकृत सूची में दर्ज कर पहली किस्त तक उनके बैंक खातों में भेज दी गई।
अन्य जिलों में भी फर्जी निकासी का संकेत
जांच में यह भी सामने आया है कि इन फर्जी लाभुकों द्वारा झारखंड के सात अन्य जिलों में भी इसी प्रकार योजना का गलत लाभ उठाया गया है। यह मामला केवल गालूडीह तक सीमित नहीं, बल्कि संगठित गिरोह के माध्यम से अन्य जिलों में भी फैल चुका है।
एफआईआर और विशेष जांच टीम का गठन
घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ऋषभ गर्ग ने बताया कि गलत तरीके से योजना का लाभ उठाने वाली सभी 172 महिलाओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, मामले की गहराई से जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो पूरे प्रकरण की विस्तृत पड़ताल करेगा।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक प्रणाली की पारदर्शिता और निगरानी प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जब संबंधित पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, तो ऐसे में बाहरी राज्यों की महिलाओं का नाम सूची में कैसे शामिल किया गया, यह गंभीर चूक दर्शाता है। साथ ही, योजना की लाभ प्रक्रिया में स्थानीय स्तर पर मिलीभगत की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
अब देखना यह है कि जांच दल किन जिम्मेदार अधिकारियों को दोषी ठहराता है और यह गड़बड़ी किन स्तरों तक फैली हुई है।