Labour Code Protest: (जमशेदपुर) देशभर में केंद्र सरकार द्वारा चार नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) के लागू किए जाने के खिलाफ ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र फेडरेशनों के संयुक्त मंच ने आगामी 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इसी कड़ी में जमशेदपुर में संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा एक संवाद बैठक आयोजित की गई, जिसमें यूनियन पदाधिकारियों और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में यूनियन नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानूनों को निरस्त कर जो चार श्रम कोड लागू किए गए हैं, वे सीधे तौर पर उद्योगपतियों के हित में हैं और श्रमिक वर्ग के अधिकारों का हनन करते हैं। नेताओं ने आरोप लगाया कि आज के समय में मजदूरों को मूलभूत अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है। विशेषकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 8 घंटे के बजाय 12 घंटे तक काम कराया जा रहा है, उन्हें न तो ओवरटाइम वेतन दिया जा रहा है, न ही बोनस, ग्रेच्युटी और अवकाश जैसी आवश्यक सुविधाएँ मिल रही हैं।
संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने यह भी आरोप लगाया कि वर्षों के संघर्ष के बाद मजदूरों ने जो अधिकार कानून के रूप में प्राप्त किए थे, उन्हें केंद्र सरकार ने एकतरफा तरीके से समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर जिन श्रम संहिताओं को लागू किया गया है, उनमें श्रमिक सुरक्षा और कल्याण की भावना की गंभीर अनदेखी की गई है।
यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि अब यह संघर्ष सिर्फ अधिकारों की रक्षा का नहीं, बल्कि श्रमिक गरिमा की पुनर्स्थापना का है। उन्होंने सभी संगठनों और श्रमिकों से 9 जुलाई को हड़ताल में भाग लेने की अपील की है, ताकि सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि श्रमिकों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।