Tata Power Dispute: टाटा पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड में स्थानीय ठेकेदार दिलीप सिंह को कंपनी परिसर में साफ-सफाई का कार्य सौंपा गया है, जिसके लिए कंपनी ने बाकायदा वर्क ऑर्डर भी जारी किया है। इसके बावजूद दिलीप सिंह की जेसीबी और अन्य सफाई उपकरणों को कंपनी के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह घटना स्थानीय ठेकेदारों के साथ हो रहे भेदभाव को उजागर करती है।
इस मामले की जानकारी झामुमो नेता एवं सामाजिक सेवा संघ के अध्यक्ष राजेश सामंत को मिलने के बाद उन्होंने कंपनी गेट पर पहुंचकर टाटा पावर प्रोजेक्ट के हेड से फोन पर बात की। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि स्थानीय ठेकेदारों के अधिकारों को दबाकर बाहरी लोगों को काम सौंपा गया, तो झामुमो मजदूर संघ और सामाजिक सेवा संघ इसके खिलाफ उग्र आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय युवाओं और ठेकेदारों के रोज़गार के साथ अन्याय है।
प्रदर्शन की चेतावनी के दौरान कई प्रमुख स्थानीय नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे, जिनमें मुखिया शिवलाल लोहरा, झारखंड आंदोलनकारी नेता छोटे सरदार, पिंकी सिंह, सुलोचना लोहरा, जगन्नाथ मांझी, अनिल लोहार, दीपक कुमार, पूर्णिमा पाल, चंदन कुमार, शशि लोहरा, रंजीत चौरसिया और मनमोहन लोहरा शामिल थे।
अब देखना है कि कंपनी प्रबंधन स्थानीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस कदम उठाता है या विरोध और तेज़ होगा।