Hazaribagh news: मेगालिथ स्थल पर इक्विनॉक्स दृश्य‚ बादलों ने खगोल प्रेमियों को किया निराश

Hazaribagh news: हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित पकरी बरवाडीह मेगालिथ स्थल पर मंगलवार अहले सुबह खगोल प्रेमियों और विद्यार्थियों की बड़ी संख्या इक्विनॉक्स का अद्भुत दृश्य देखने के लिए जुटी। हालांकि आकाश में बादल छाए रहने के कारण दो पत्थरों के बीच से सूरज की किरणों का करवट बदलते दृश्य

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Hazaribagh news: हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित पकरी बरवाडीह मेगालिथ स्थल पर मंगलवार अहले सुबह खगोल प्रेमियों और विद्यार्थियों की बड़ी संख्या इक्विनॉक्स का अद्भुत दृश्य देखने के लिए जुटी। हालांकि आकाश में बादल छाए रहने के कारण दो पत्थरों के बीच से सूरज की किरणों का करवट बदलते दृश्य दिखाई नहीं दे सका। निराश होकर सभी दर्शक लौटने को मजबूर हुए।

इस मौके पर हजारीबाग रजिस्टार दिव्यम चौधरी, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कृति वर्मा, बड़कागांव थाना प्रभारी ललित कुमार और वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ पाठक समेत कई विशिष्ट लोग पहुंचे थे। सभी का उद्देश्य वर्ष में केवल दो दिन दिखाई देने वाले इस दुर्लभ प्राकृतिक दृश्य का साक्षी बनना था।

शोधकर्ता शुभाशीष दास ने साझा किया ज्ञान

इस कार्यक्रम में वर्ष 2000 में इस स्थल की खोज करने वाले शोधकर्ता शुभाशीष दास भी शामिल हुए। उन्होंने उपस्थित लोगों को मेगालिथ स्थल और इक्विनॉक्स प्वाइंट से संबंधित कई ज्ञानवर्धक जानकारियां दीं। दास को इस खोज के लिए कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।

इक्विनॉक्स प्वाइंट की विशेषता

बताते चलें कि यह स्थल विश्व प्रसिद्ध इक्विनॉक्स प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। हर वर्ष 23 सितंबर और 21 मार्च को (V) आकार के दो विशाल पत्थरों के बीच से सूर्योदय की अद्भुत किरणें दिखाई देती हैं। यही कारण है कि विद्यार्थी, शोधार्थी और खगोलप्रेमी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

संरक्षण और सौंदर्यीकरण की मांग

स्थानीय विद्यालयों के प्राचार्य और शिक्षक, जिनमें जीडीएम बालिका उच्च विद्यालय के प्राचार्य रामलखन महतो, महुदी स्कूल के शिक्षक प्रेम कुमार राणा और त्रिभुवन शामिल हैं, ने स्थल के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की मांग उठाई। उनका कहना है कि यह सिर्फ बड़कागांव की नहीं, बल्कि पूरे देश की धरोहर है जिसे संरक्षित करना आवश्यक है।

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