Jharkhand Worker Killed: खेत मालिक ने निभाई जिम्मेदारी‚ उठाया शव लाने का पूरा खर्चसराहनीय रूप से‚ जिस खेत में जादूनाथ काम कर रहे थे‚ उसके मालिक ने मानवीय सहयोग करते हुए शव को झारखंड भेजने का सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली। यह कदम मृतक परिवार के लिए राहतकारी साबित हुआ‚ क्योंकि बाहर राज्य में हुई मृत्यु के बाद शव लाना आम तौर पर बेहद जटिल और खर्चीला होता है।
राजनीतिक संज्ञान के बाद सक्रिय हुआ प्रशासन
घटना की सूचना मिलते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए इस घटना पर संज्ञान लेने की अपील की। ट्वीट के बाद झारखंड राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष तथा संबंधित जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और समन्वय की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
खेत मालिक ने निभाई जिम्मेदारी‚ उठाया शव लाने का पूरा खर्च
सराहनीय रूप से‚ जिस खेत में जादूनाथ काम कर रहे थे‚ उसके मालिक ने मानवीय सहयोग करते हुए शव को झारखंड भेजने का सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली। यह कदम मृतक परिवार के लिए राहतकारी साबित हुआ‚ क्योंकि बाहर राज्य में हुई मृत्यु के बाद शव लाना आम तौर पर बेहद जटिल और खर्चीला होता है।
परिवार को मिली तत्काल आर्थिक मदद
स्थानीय प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई‚ जिससे उन्हें अंतिम संस्कार से जुड़ी तैयारियों‚ यात्रा और अन्य आवश्यकताओं में राहत मिली। प्रशासन ने परिवार के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा है और पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द झारखंड लाने की प्रक्रिया तेज़ की जा रही है।
निगरानी में शव वापसी प्रक्रिया‚ संवेदनशीलता से हो रहा कार्य
प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि शव को वापस लाने की समस्त प्रक्रिया निगरानी में और संवेदनशीलता के साथ संपन्न की जा रही है। जादूनाथ सोरेन की असमय मृत्यु ने प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और स्थिति पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।