Jharkhand BJP: झारखंड भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। बाबूलाल मरांडी के विधायक दल के नेता बनने के बाद इस पद को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। पार्टी के भीतर नए नेतृत्व को लेकर मंथन जारी है, और कई दिग्गज नेता अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष के चयन में केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका अहम रहने वाली है। कई संभावित उम्मीदवार दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर चुके हैं। भाजपा में ‘एक नेता, एक पद’ की नीति को ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि नया प्रदेश अध्यक्ष कोई और चेहरा होगा, जिससे संगठन को नई ऊर्जा मिल सके।
जातीय संतुलन और चुनावी गणित पर भाजपा की नजर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन में जातीय संतुलन भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। पार्टी पहले ही विधायक दल का नेतृत्व एक आदिवासी नेता को सौंप चुकी है, इसलिए अब इस पद पर ओबीसी या एससी समुदाय के किसी नेता को मौका दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आगामी चुनावों में पार्टी के सामाजिक समीकरण को मजबूत कर सकता है।
इस रेस में कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू, हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय और दलित समुदाय से आने वाले अमर बाउरी प्रमुख हैं।
संगठनात्मक चुनाव के बाद होगा अध्यक्ष का ऐलान
भाजपा संगठन में बदलाव की प्रक्रिया जारी है। पहले मंडल स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति होगी, फिर जिला स्तर के अध्यक्ष चुने जाएंगे, और अंत में प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी हो सकती है, और तब झारखंड भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।
चंपाई सोरेन की दावेदारी खत्म, अन्य नेताओं को मौका मिलने के संकेत
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल माने जा रहे चंपाई सोरेन अब इस रेस से लगभग बाहर हो चुके हैं। चुनावी नतीजों के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता में कमी आई है, जिससे उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई है। पार्टी अब नए चेहरों पर भरोसा जताने की तैयारी कर रही है।
भाजपा के इस अहम फैसले पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा संगठन और आगामी चुनावों की रणनीति को तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।