Jamshedpur : झारखंड के पूर्व आइपीएस सह भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेस कर भाजपा के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके लिए उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को त्याग पत्र भेजा है. उन्होंने बताया कि वह लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व से ही भाजपा से जुड़े थे, लेकिन उन्हें भाजपा का टिकट नहीं मिलने से उन्होंने अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व डीआइजी ने कहा कि भाजपा के टिकट बंटवारे में जिस तरह से परिवारवाद हावी रहा है, यह दर्शाता है कि भाजपा अपने नीतियों एवं विचारों से और संघ के मूल्यों एवं आदर्शों के बिल्कुल विपरीत कार्य कर रही है. उन्होंने विवशहोकर भाजपा से इस्तीफा दिया है. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को सलाम किया है, जिन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पुस्तकों में लिखी आदर्शों एवं मूल्यों को ध्यान में रखते हुए भाजपा के पद से इस्तीफा देकर उन्हें आइना दिखाने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा कि यह सोच कि भाजपा का चिन्ह जिन्हें भी दियेगा वह चुनाव में विजयी होगा, यह गलत है. लोकतंत्र की असली मालिक जनता है, जनता के इक्छाओं के अनुरूप आप टिकट नहीं देंगे, तो जनता जीता देगी यह कहना मुश्किल है. वहीं 2019 में मुख्यमंत्री ने चुनाव हारा है. वे एक आइपीसी अधिकारी रहे है और 32 साल तक उन्होंने निसपक्षता एवं निडरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. 6 जिलों में एसपी रहने के दौरान वे कई बार मूल्यों एवं आदर्शो को बनाए रखने के लिए कठोर निर्णय अपने कार्यकाल के दौरान लिए थे, जिससे उनके आलाकमान खुश नहीं रहे होंगे, फिर भी उन्होंने सही कार्यों को किया. राजनीति में आने से पूर्व कई बार उगली उन पर उठी है, इसका सामना करते हुए उन्होंने उन्होंने भाजपा का दामन थामा, लेकिन अंत में उन्हें टिकट नहीं मिलने पर वे इस्तीफा दे रहे है. वहीं उन्होंने कहा कि वे कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं करेंगे और विधानसभा चुनाव में अगर कोई भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता जो भाजपा छोड़कर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हो, अगर वे बुलाते है तो पूर्व डीआईजी उनका समर्थन जरूर करेंगे.