Head clerk giraftar: जहानाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ शिक्षा विभाग के हेड क्लर्क लक्ष्मण यादव को निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर आरोप है कि उसने संस्कृत विषय के शिक्षक कौशल सिंह से बकाया वेतन एवं पीएफ भुगतान के एवज में कुल राशि का 10 प्रतिशत कमीशन मांगा था।
घटना हुलासगंज प्रखंड के कन्दोल गांव की है, जहाँ कार्यरत शिक्षक कौशल सिंह को लंबे समय से उनके वेतन और पीएफ की राशि नहीं मिल पा रही थी। बार-बार विभाग में चक्कर काटने के बाद भी जब भुगतान नहीं हुआ, तब हेड क्लर्क लक्ष्मण यादव ने उससे रिश्वत की मांग की।
बताया जा रहा है कि कुल रिश्वत की राशि का पहला किस्त 50 हजार रुपये आज भुगतान किया जाना था।कौशल सिंह ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और निगरानी विभाग से इसकी शिकायत कर दी। निगरानी विभाग ने पूरे मामले की बारीकी से जांच पड़ताल की और जैसे ही रिश्वत का लेन-देन होने लगा, टीम ने लक्ष्मण यादव को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद निगरानी की टीम ने लक्ष्मण यादव को पटना ले जाया, जहाँ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है, जहाँ एक शिक्षक को अपना मेहनताना पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह तो केवल एक उदाहरण है, शिक्षा विभाग में इस तरह की कई और शिकायतें सामने आ सकती हैं।
यदि निगरानी की कार्रवाई इसी तरह सख्त रही तो कई और भ्रष्ट अधिकारी कानून के शिकंजे में आएंगे।वहीं शिक्षक संघों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि जब तक शिक्षा विभाग के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक ऐसे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना मुश्किल है।
इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर एक शिक्षक जो समाज का निर्माण करता है, उसे खुद के हक के लिए रिश्वत क्यों देनी पड़ती है?फिलहाल, निगरानी विभाग ने कहा है कि इस मामले में सभी संबंधित दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी और अगर किसी अन्य अधिकारी की भी संलिप्तता सामने आती है, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी |