FLN Mela 3.0: जमशेदपुर: जुस्को स्कूल, कदमा के प्राइमरी विभाग में शनिवार को शैक्षणिक नवाचार और बच्चों की सृजनात्मकता को उजागर करने वाली तीन प्रमुख शैक्षणिक गतिविधियों — वर्ल्ड अराउंड अस प्रदर्शनी, एफ.एल.एन. मेला 3.0, और फूड फिएस्टा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सीबीएसई द्वारा निर्धारित निर्देशों और न्यूनतम आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) की संकल्पना के अनुरूप आयोजित किया गया था।
विश्व को मॉडल, नृत्य और वाचन में समेटा
‘World Around Us’ शीर्षक से आयोजित प्रदर्शनी में कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवी के छात्रों ने विश्व की विविधताओं को मॉडलों, नुक्कड़ नाटक, नृत्य और कविता वाचन के माध्यम से जीवंत कर दिया। छात्रों ने पर्यावरण, संसाधन, संस्कृति, विज्ञान और समाज से जुड़े विषयों को अपनी रचनात्मकता के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रदर्शनी में बच्चों की भागीदारी, आत्मविश्वास और प्रस्तुति कौशल सराहनीय रहा।

एफ.एल.एन. मेला 3.0: शिक्षण को समझने का अनोखा अनुभव
CBSE द्वारा प्रोत्साहित Foundational Literacy and Numeracy (FLN) Mela 3.0 केवल जमशेदपुर के जुस्को स्कूल में आयोजित हुआ। इस मेले में छात्रों ने कक्षा में उपयोग होने वाली शिक्षण विधियों, गतिविधियों और अवधारणाओं को अपने अभिभावकों के सामने समझाया। यह पहल छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच पारदर्शिता और समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

फूड फिएस्टा: संस्कृति और स्वाद का संगम
‘Food Fiesta’ कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 4 और 5 के बच्चों ने भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को जीवंत किया। बच्चों ने संबंधित राज्यों के पारंपरिक परिधान पहने और वहां के प्रसिद्ध व्यंजनों का प्रदर्शन किया। यह प्रस्तुति सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित थी और CBSE Art Integration कार्यक्रम से भी जुड़ी थी।
इस आयोजन का उद्देश्य था – अपने राज्य को जानना, उसकी भाषा, भोजन और परिधान को समझना, जो बच्चों को सांस्कृतिक विविधता का वास्तविक अनुभव प्रदान करता है।

प्रधानाचार्य ने दी प्रेरणा
विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती झुमझुमी नंदी ने कहा, “इस तरह के आयोजन बच्चों के समग्र विकास में अत्यंत सहायक होते हैं। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उनमें नेतृत्व और संप्रेषण कौशल भी विकसित होता है। हम चाहते हैं कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि अनुभव आधारित हो।”
इस आयोजन में शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि आधुनिक शिक्षा पद्धति किस तरह नवाचार और भागीदारी के जरिए सीखने की प्रक्रिया को समृद्ध बना रही है।