Elephant Awareness: जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित एक निजी होटल में दलमा वन अभ्यारण्य की ओर से विश्व हाथी दिवस के अवसर पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कोल्हान प्रमंडल वन विभाग के अधिकारी, झारखंड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, निजी संस्थाओं के प्रतिनिधि और स्कूल के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
हाथियों के व्यवहार और सुरक्षा पर विस्तृत जानकारी
कार्यशाला में वन विभाग के विशेषज्ञों ने हाथियों के रहन-सहन, विचरण क्षेत्रों और उनके प्राकृतिक आवास के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। कोल्हान वन्यजीव के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) एस. आर. नातेश ने बताया कि इस वर्ष कोल्हान के जमशेदपुर को कार्यशाला स्थल के रूप में चुना गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य हाथियों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना और उनके विचरण पैटर्न को समझना है।

हाथियों की मौत के कारण और रोकथाम
एस. आर. नातेश ने बताया कि कोल्हान में हाथियों की मौत के प्रमुख कारणों में बिजली के तार की चपेट में आना और रेल हादसे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने हाथियों की सुरक्षा के लिए विशेष टीम का गठन करने का निर्णय लिया है, जो लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहकर सुरक्षा उपायों को लागू करेगी।
तकनीक से होगी निगरानी
कोल्हान वन विभाग की अधिकारी स्मिता पंकज ने कहा कि हाथियों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक मोबाइल ऐप के माध्यम से ग्रामीणों को 20 किलोमीटर की दूरी पर हाथियों की मौजूदगी की सूचना दी जाएगी। इसके अलावा, रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर विशेष गैजेट लगाए जाएंगे, जो हाथियों के पैरों के पड़ते ही अलार्म बजा देंगे, जिससे रेलवे चालक को समय रहते हाथियों की मौजूदगी की जानकारी मिल सकेगी।